महाराष्ट्र सरकार ने एमएलए डेवलपमेंट फंड्स के आवंटन में पारदर्शिता बढ़ाने और चिंताओं को दूर करने के लिए उप-मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में छह सदस्यीय सब-कमेटी का गठन किया है. यह फैसला महायुति गठबंधन में शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के बीच चल रहे तनाव को देखते हुए लिया गया है.
सरकार के इस कदम का मकसद सभी विधायकों के क्षेत्रों में विकास कार्यों की समीक्षा और समर्थन करना है. इस कार्यक्रम को अधिक प्रभावी और जिम्मेदार बनाने पर ध्यान केंद्रित किया गया है. ये कमेटी प्रोजेक्ट्स के दायरे का विस्तार, योजना में सुधार और उसके इम्प्लीमेंटेशन प्रोसेस को बेहतर बनाने के तरीकों का अध्ययन करेगी.
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कमेटी उन फंड्स के वितरण को भी बेहतर तरीके से प्रबंधित करने की कोशिश करेगी, जो कि गठबंधन सरकार के भीतर एक विवादित मुद्दा रहा है.
सब-कमेटी की अध्यक्षता:
- उपमुख्यमंत्री/मंत्री (वित्त और योजना) - अजित पवार
सब-कमेटी का सदस्य:
- मंत्री (उद्योग)
- मंत्री (राजस्व)
- मंत्री (ग्राम विकास और जल आपूर्ति)
- मंत्री (स्कूल शिक्षा विभाग)
- मंत्री (खेल और युवा कल्याण)
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विधायकों के क्षेत्रों में होंगे विकास के काम
यह कार्यक्रम विधायकों को अपने क्षेत्रों में सड़क मरम्मत, स्ट्रीट लाइट और सार्वजनिक स्थलों जैसे पार्क वगैरह से संबंधित परियोजनाओं की सिफारिश करने का अधिकार देता है. हालांकि, अजित पवार को इस सब-कमेटी का नेतृत्व सौंपने का फैसला मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की हालिया निर्देशों के तहत आया है, जिसमें वित्त और योजना विभाग की फाइलों से पहले उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को गुजरने का आदेश दिया गया था.
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