महाराष्ट्र के रायगढ़ में सीजीएसटी विभाग ने इंडोनेशियाई सुपारी के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है. इस सुपारी को भारत में कैंसर के खतरे के कारण प्रतिबंधित किया गया है. जब्त की गई सुपारी की मात्रा रैकेट की व्यापकता का सिर्फ एक छोटा-सा हिस्सा हो सकती है, जिससे देश में कैंसर महामारी फैलने का खतरा है.
केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (CGST) विभाग ने पिछले हफ्ते इस रैकेट का भंडाफोड़ किया. इसमें इंडोनेशिया से घटिया सुपारी की तस्करी सड़क और रेल मार्ग से ट्रकों के जरिए की जा रही थी. कैंसर के खतरे की वजह से भारत में इस सुपारी का उपयोग प्रतिबंधित है.
कोलाड पहुंचने पर 11 ट्रक जब्त किए गए हैं, जिनको रेलगाड़ी के डिब्बों से लाया गया था, जिनमें कैंसरकारी सामग्री से पॉलिश की गई घटिया सुपारी थी. अधिकारियों का कहना है कि अगर इतनी बड़ी मात्रा में कैंसर पैदा करने वाली घटिया सुपारी जमीनी स्तर तक पहुंचती है, तो देश में कैंसर महामारी फैल सकती है.
तस्करी और टैक्स चोरी का जाल...
सीजीएसटी विभाग, रैकेट के सरगनाओं द्वारा सैकड़ों करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी की जांच कर रहा है. सूत्रों के मुताबिक, जब्त किए गए 11 ट्रक सिर्फ हिमखंड का सिरा हैं, क्योंकि पिछले एक महीने में सैकड़ों ट्रक ऐसी ही कैंसरकारी सुपारी लेकर दिल्ली स्थित प्रमुख वितरक 'कृष्णा ट्रेडर्स' तक पहुंच चुके थे. इस रैकेट के पीछे केरल के कासरगोड से कादर खान और कर्नाटक के मंगलूरु से समीर खान का नाम सामने आया है. रैकेट के सरगना फर्जी जीएसटी पंजीकरण और जाली बिलों का उपयोग करके करोड़ों रुपये के टैक्स की चोरी कर रहे थे.
गरीब लोगों के जीएसटी नंबर का इस्तेमाल
इस तस्करी के लिए जिन दो सप्लायरों के जीएसटी नंबरों का इस्तेमाल किया गया, वे कर्नाटक के हासन से NN ट्रेडर्स और दक्षिणा कन्नड़ से SRS ट्रेडर्स हैं. सूत्रों के मुताबिक, इन दोनों फर्मों के मालिक ऐसे व्यक्ति हैं, जो छोटे-मोटे काम करते हैं और गरीबी रेखा से नीचे हैं, और ये डमी डायरेक्टर हो सकते हैं. सीजीएसटी अधिकारियों को पिछले महीने के ई-वे बिलों के विवरण मिले हैं, जिससे भारतीय खजाने को सैकड़ों करोड़ रुपये के टैक्स का नुकसान हुआ है.
यह भी पढ़ें: दिल्ली में कार चोरी रैकेट का भंडाफोड़, SUV समेत 2 कार बरामद, 2 आरोपी गिरफ्तार
कैंसरकारी पॉलिशिंग और वितरण
इंडोनेशिया की घटिया सुपारी भारत में बिक्री, वितरण और उपयोग के लिए प्रतिबंधित है, क्योंकि पान मसाला, गुटखा या पान के पत्तों में इसका उपयोग कैंसर का कारण बन सकता है. तस्करी करने वाले गिरोह इन सुपारी को मंगलूरु में कैंसरकारी सामग्री से पॉलिश करते हैं, जिससे यह हाई क्वालिटी वाली भारतीय सुपारी जैसी दिखे. फिर इसे नागपुर, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और एनसीआर के वितरकों तक पहुंचाया जाता है, जो इसे गुटखा और पान मसाला निर्माताओं को सप्लाई करते हैं, जिससे विनिर्माण लागत कम हो जाती है.
एफडीए और अन्य एजेंसियां एक्टिव...
रायगढ़ में सीजीएसटी विभाग द्वारा 26 नवंबर को 300 टन वजन वाली 11 ट्रकों को जब्त किया गया. इनकी अनुमानित कीमत 20 से 25 करोड़ रुपये के बीच हो सकती है. इस बीच, महाराष्ट्र खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने भी खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम (FSS), 2006 के तहत मामले की जांच शुरू कर दी है.
दिव्येश सिंह