'महाराष्ट्र चुनाव फिक्सिंग' के आरोप पर भड़की बीजेपी, CM फडणवीस बोले- राहुल को नींद से जागना ही पड़ेगा

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, राहुल गांधी ने बिहार में अपनी हार मान ली है. जब तक राहुल गांधी जमीन पर नहीं उतरेंगे और तथ्य नहीं समझेंगे तब तक उनकी पार्टी हारती रहेगी. राहुल गांधी को नींद से जागना ही पड़ेगा.

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी पर महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पलटवार किया. कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणी पर महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पलटवार किया.

aajtak.in

  • मुंबई,
  • 07 जून 2025,
  • अपडेटेड 2:54 PM IST

महाराष्ट्र चुनाव में 'फिक्सिंग' के दावों पर सियासत गरमा गई है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर बीजेपी ने मोर्चा खोल दिया है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राहुल पर तंज कसा और वोटर्स का अपमान करने का आरोप लगाया. फडणवीस ने कहा, राहुल ने बिहार चुनाव से पहले ही हार मान ली है. वहीं, एनसीपी ने कहा कि इतने बड़े पद (लोकसभा में नेता विपक्ष) पर बैठे नेता अगर हल्की बातें करेंगे तो समझ नहीं आता कि उनके दिमाग में क्या है.

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राहुल के अंग्रेजी अखबार में छपे आर्टिकल पर सीएम फडणवीस ने पलटवार किया और कहा, राहुल गांधी ने बिहार में अपनी हार मान ली है. जब तक राहुल गांधी जमीन पर नहीं उतरेंगे और तथ्य नहीं समझेंगे, तब तक उनकी पार्टी हारती रहेगी. राहुल गांधी को नींद से जागना ही पड़ेगा. वो मतदाता का अपमान कर रहे हैं. राहुल को कुछ पता नहीं होता कि वो क्या बोल रहे हैं.

प्रफुल्ल पटेल ने क्या कहा...

एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने भी राहुल पर हमला बोला और कहा, राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं. इतने बड़े पद पर बैठे नेता अगर हल्की बातें करेंगे तो समझ नहीं आता कि उनके दिमाग में क्या है. जब खुद जीत जाते हैं तो सब अच्छा होता है. लेकिन हार जाते हैं तो ये सब बोलते रहते हैं.

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अमित मालवीय बोले- वो भ्रम के बीज बोने की कोशिश कर रहे

बीजेपी नेता अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा, ऐसा नहीं है कि राहुल गांधी को यह नहीं पता कि चुनावी प्रक्रिया कैसे काम करती है. उन्हें बहुत अच्छे से पता है. लेकिन उनका मकसद स्पष्टता नहीं, बल्कि अराजकता फैलाना है. वे बार-बार जानबूझकर हमारे संस्थागत ढांचे को लेकर मतदाताओं के मन में शक और भ्रम के बीज बोने की कोशिश कर रहे हैं. जब कांग्रेस चुनाव जीतती है... चाहे वो तेलंगाना हो या कर्नाटक. तब यही सिस्टम न्यायपूर्ण और निष्पक्ष बताया जाता है. लेकिन जब हार होती है... हरियाणा से लेकर महाराष्ट्र तक... तो रोना-धोना और षड्यंत्र के सिद्धांत शुरू हो जाते हैं, और वो भी हर बार.

मालवीय ने आगे लिखा, यह सब जॉर्ज सोरोस की रणनीति से लिया गया है. लोगों का अपनी ही संस्थाओं से भरोसा systematically खत्म करो, ताकि उन्हें अंदर से कमजोर करके राजनीतिक लाभ उठाया जा सके. भारत का लोकतंत्र मजबूत है. इसकी संस्थाएं सक्षम हैं और भारतीय मतदाता बुद्धिमान है. कितनी भी जोड़तोड़ कर ली जाए, यह सच्चाई नहीं बदलेगी.

वहीं, शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने राहुल गांधी के बयान का समर्थन किया और कहा, महाराष्ट्र का चुनाव हाइजैक किया गया था. बीजेपी और मोदी ने मिलकर चुनाव हाइजैक किया था. अगर अघाड़ी की सरकार आती तो अडानी के प्रोजेक्ट रद्द हो जाते, इसलिए बोगस वोटर के साथ महाराष्ट्र चुनाव को हाइजैक कर लिया.

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राहुल गांधी ने एक्स पर क्या लिखा है...

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने आर्टिकल के कैप्शन में लिखा, चुनाव कैसे चुराया जाता है? 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने की एक सुनियोजित योजना थी. मेरे लेख में यह बताया गया है कि यह सब कैसे हुआ? स्टेप बाय स्टेप...

स्टेप 1: चुनाव आयोग की नियुक्ति करने वाले पैनल में गड़बड़ी करना.
स्टेप 2: मतदाता सूची में फर्जी नाम जोड़ना.
स्टेप 3: मतदान प्रतिशत को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना.
स्टेप 4: जहां-जहां बीजेपी को जीत की जरूरत थी, वहीं फर्जी मतदान कराना.
स्टेप 5: सबूतों को छिपाना.

राहुल ने आगे कहा, यह समझना मुश्किल नहीं है कि महाराष्ट्र में बीजेपी इतनी बेताब क्यों थी, लेकिन धांधली करना मैच-फिक्सिंग जैसा है जो टीम धोखा देती है वो भले खेल जीत जाए, मगर इससे संस्थाओं को नुकसान पहुंचता है और जनता का नतीजों से भरोसा उठ जाता है.

उन्होंने कहा, हर जागरूक भारतीय को इन सबूतों को देखना चाहिए. खुद सोच-समझकर फैसला लेना चाहिए और जवाब मांगना चाहिए. क्योंकि महाराष्ट्र की यह मैच-फिक्सिंग अब बिहार में दोहराई जाएगी और फिर वहां भी... जहां-जहां बीजेपी हार रही होगी. मैच-फिक्स किए गए चुनाव किसी भी लोकतंत्र के लिए जहर की तरह होते हैं.

दरअसल, लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन INDIA ने महाराष्ट्र में धमाकेदार जीत दर्ज की थी. लेकिन कुछ महीने बाद आए विधानसभा चुनाव के नतीजे आए तो कांग्रेस, उद्धव सेना और पवार गुट को बड़ी हार का सामना करना पड़ा. लोकसभा चुनावों में विपक्षी दलों की एकता ने बीजेपी को झटका दिया था, वहीं विधानसभा चुनाव के नतीजों ने विपक्ष की उम्मीदों पर पानी फेर दिया था.

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