महाराष्ट्रः 'फिर एक बार, शिवशाही सरकार' नारे के साथ रथ यात्रा निकालेंगे देवेंद्र फडणवीस

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस रथ यात्रा पर निकलेंगे. फडणवीस की रथ यात्रा अगस्त में शुरू होगी. मुख्यमंत्री का रथ प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में जाएगा.

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (फाइल फोटो) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • मुंबई,
  • 22 जून 2019,
  • अपडेटेड 9:18 PM IST

लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी का ध्यान अब राज्यों के विधानसभा चुनाव पर है. महाराष्ट्र में भी पार्टी चुनाव की तैयारियों में जुट गई है. एक बार फिर सत्ता पर काबिज होने की मंशा के साथ मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस रथ यात्रा पर निकल रहे हैं.

फडणवीस की रथ यात्रा अगस्त में शुरू होगी. मुख्यमंत्री का रथ प्रदेश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में जाएगा. इसके लिए पार्टी नेतृत्व ने नया नया गढ़ा है. जानकारी के अनुसार पार्टी ने दो नारे तैयार किए हैं. ये नारे हैं,  'फिर एक बार शिवशाही सरकार' और 'अबकी बार 220 के पार'.  महाराष्ट्र में इसी वर्ष के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं.

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मुख्यमंत्री पद पर दावा कर रही शिवसेना

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल शिवसेना भी महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर दावा कर रही है. शिवसेना के मुख पत्र सामना में छपे एक लेख में लिखा गया था कि अगला मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा. दूसरी तरफ शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के पुत्र आदित्य ठाकरे का नाम भी मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में है. सीट बंटवारे को लेकर भी बीजेपी और शिवसेना में अभी सहमति नहीं बन पा रही. ऐसे में फडणवीस के सामने सेना को साधे रखकर 2014 की सफलता दोहराने की चुनौती है.

बता दें कि साल 2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा 288 सीटों वाली विधानसभा में 124 सीटें जीत कर सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी. हालांकि भाजपा बहुमत के लिए जरूरी 145 सीटों के जादुई आंकड़े से 21 सीट पीछे रह गई थी. साल 2014 में भाजपा और उसकी पुरानी सहयोगी शिवसेना के संबंधों में खटास आ गई थी और दोनों पुराने सहयोगियों ने एक-दूसरे के खिलाफ ताल ठोकते हुए अलग-अलग चुनाव लड़ा था. नतीजों में शिवसेना 63 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही थी. कांग्रेस 42 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी 41 सीटों पर सिमट गई थी.

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शिवसेना बाद में फिर से भाजपा के साथ आ गई थी और उसके समर्थन से बनी सरकार अब पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने की दहलीज पर है. हालिया लोकसभा चुनाव दोनों दलों ने साथ मिलकर लड़ा और 48 में से 41 सीटें जीतने में सफल रहे थे.

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