शनि शिंगणापुर में पूजा के हक पर महिला संगठनों को महाराष्ट्र सरकार का साथ मिल गया है. भूमाता ब्रिगेड की नेताओं ने बुधवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस से मुलाकात की और मामले को जल्द सुलझाने की अपील की.
मंदिर में पूजा को लेकर हो रहे भेदभाव के खिलाफ इस जंग में महिलाओं को राज्य सरकार के साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का भी साथ मिल रहा है. सीएम से मुलाकात के बाद एक्टिविस्ट तृप्ति देसाई ने कहा, 'हमने मुख्यमंत्री से मिलकर मांग की है कि सरकार मंदिर का प्रशासन खुद संभाले और महिला-पुरुष सभी को पूजा की अनुमति दे.'
CM ने कलेक्टर को किया तलब
इसके पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने अहमदनगर के कलेक्टर को तलब किया और मामले को जल्द सुलझाने के निर्देश दिए. बता दें कि महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में आने वाले शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं को पूजा करने की अनुमति नहीं है, जिसके खिलाफ लंबे समय से आंदोलन चल रहा है. मंगलवार को प्रदर्शनकारी महिलाओं और सुरक्षाबलों के बीच हुई झड़प के बाद सरकार ने जिला मजिस्ट्रेट और अहमदनगर जिले के एसपी को मंदिर ट्रस्ट और प्रदर्शन कर रही महिलाओं के बीच जल्द सुलह कराने के निर्देश दिए गए थे.
बोले फडनवीस- भेदभाव हमारी संस्कृति नहीं
इस मामले में सीएम देवेंद्र फडनवीस ने कहा, 'भगवान की पूजा-पाठ में भेदभाव करना हमारी संस्कृति नहीं है. मामले को सुलझाने के लिए प्रशासन को उचित कदम उठाने चाहिए.'
CM से मिलेंगी महिलाएं
मंदिर में पूजा करने को लेकर अड़ी महिलाएं गुरुवार को मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी मांग रखेंगे. भूमाता रंग रागिनी महिला ब्रिगेड की कार्यकर्ता पुणे स्थित MIT कॉलेज में मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगी. यहां दोपहर एक बजे छात्र संसद आयोजित की जा रही है.
'महिलाओं को रोकना गलत' अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने भी महिलाओं की मांग का समर्थन किया है. उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने देना चाहिए. उन्हें रोकना सरासर गलत है. चाहे वह पुरुष हो या महिला उन्हें मंदिर में प्रवेश करने से रोकना गलत है.'
बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी महिलाओं का समर्थन किया है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा- 'हमें इन महिलाओं का समर्थन करना चाहिए. मंदिर में पुरुषों की तरह महिलाओं को भी प्रवेश करने और पूजा करने देने का अधिकार दिया जाना चाहिए.'
हिरासत में ली गईं थीं 350 महिलाएं
मंदिर में पूजा करने की जिद पर अड़ी महिलाओं ने मंगलवार सुबह आंदोलन तेज कर दिया था. सैंकड़ों की संख्या में महिलाए धार्मिक स्थल के लिए रवाना हुईं लेकिन मंदिर से करीब 80 किलोमीटर पहले ही उन्हें रोक लिया गया. इससे नाराज महिलाओं और सुरक्षाबलों के बीच झड़प भी हुई जिसके बाद प्रशासन ने करीब 350 महिलाओं को हिरासत में ले लिया. हालांकि कुछ देर बाद उन्हें चेतावनी देकर निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया.
टूटी थी 400 साल पुरानी परंपरा
किसी भी हिंसक टकराव को रोकने के लिए अहमदनगर जिले में पुलिस ने ऐहतियातन भीड़ जमा न होने देने के निर्देश दिए हैं. मुंबई से करीब तीन सौ किलोमीटर दूर शनि शिंगणापुर मंदिर में महिला श्रद्धालु के दर्शन के बाद से विवाद शुरू है. एक युवती ने 400 साल पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए शनि की मूर्ति पर तेल चढ़ा दिया था. इसके बाद मंदिर प्रशासन ने महिला को रोकने के लिए महिला पुलिस को तैयार किया था.
ब्रजेश मिश्र