पुणे के पॉर्श कार हादसे को लेकर लगातार नए-नए खुलासे हो रहे हैं. जिस लग्जरी कार से दो युवा इंजीनियर अश्विनी कोष्टा और अनीश अवधिया की मौत हो गई थी, वह कार नाबालिग आरोपी को उसके दादा सुरेंद्र अग्रवाल ने गिफ्ट की थी. सुरेंद्र अग्रवाल के दोस्त अमन वाधवा ने इंडिया टुडे को बताया कि सुरेंद्र ने 2 महीने पहले व्हाट्सएप ग्रुप पर लक्जरी कार की एक तस्वीर शेयर की थी, जिसमें कहा गया था कि यह उनके पोते के बर्थडे के लिए गिफ्ट है.
बता दें कि पोर्श कार हादसे के कारण सुरेंद्र अग्रवाल को उनके ड्राइवर गंगाराम को धमकी देने और उसे झूठा दावा करने के लिए मजबूर करने के आरोप में अरेस्ट किया गया कि हादसे के वक्त वह कार चला रहा था. कथित तौर पर गंगाराम को 2 दिन तक सुरेंद्र अग्रवाल ने अपने आवास पर रखा था.
पुणे के पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने कहा कि नाबालिग आरोपी ने जब पोर्श कार बाइक पर चढ़ाई, तब वह पूरे होश में था. जिसके चलते अश्विनी कोष्टा और अनीश अवधिया की तुरंत मौत हो गई. अमितेश कुमार ने खुलासा किया कि हादसे में नाबालिग के बजाय गंगाराम को फंसाने के लिए कहानी में हेरफेर करने की कोशिश की गई थी.
उन्होंने कहा कि पुलिस की जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक गंगाराम का मोबाइल फोन गायब है और सुरेंद्र अग्रवाल के आवास के सीसीटीवी फुटेज के साथ छेड़छाड़ की गई है.
सुरेंद्र अग्रवाल को 28 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. रिमांड सुनवाई के दौरान, अमन वाधवा ने सुरेंद्र अग्रवाल के परिवार के अनुरोध पर उन्हें नए कपड़े दिए. अमन वाधवा ने बताया किया कि वह सुरेंद्र अग्रवाल को एक कम्यूनिटी ग्रुप्स के माध्यम से पिछले 8 महीनों से जानता था.
अमन वाधवा ने बताया कि जब सुरेंद्र अग्रवाल हिरासत में थे, तो निपुण नाम के एक व्यक्ति ने उन्हें कपड़े सौंपने के लिए बुलाया था. इसके अलावा वह सुरेंद्र अग्रवाल के साथ पुणे क्राइम ब्रांच में गए थे, जब सुरेंद्र अग्रवाल का बेटा विशाल गिरफ्तारी से बच रहा था और सुरेंद्र अग्रवाल को पूछताछ के लिए बुलाया गया था.
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