सचिन तेंदुलकर को शरद पवार की नसीहत- अपने क्षेत्र से अलग विषय पर बोलने में बरतें सावधानी

एनसीपी सुप्रीमो ने कहा कि जीतोड़ मेहनत करके इस देश को अनाज देकर आत्मनिर्भर करने वाले किसानों का ये आंदोलन है. किसानों को बदनाम करना अच्छी बात नहीं.

Advertisement
सचिन तेंदुलकर (फाइल फोटोः इंडिया टुडे) सचिन तेंदुलकर (फाइल फोटोः इंडिया टुडे)

पंकज खेळकर

  • पुणे,
  • 06 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 10:35 PM IST
  • नाम लिए बगैर कहा- इनकी राय से जनता में है नाराजगी
  • बोले- किसान आंदोलन को बदनाम करने की हो रही कोशिश

क्रिकेट का भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने कुछ दिन पहले ट्वीट कर कहा था कि किसान आंदोलन में बाहरी ताकतों ने दखल अंदाजी नहीं करनी चाहिए. भारतीय ही भारतीयों के बारे में सोचने में सक्षम हैं. सचिन तेंदुलकर के इस ट्वीट पर अब सियासी घमासान छिड़ता नजर आ रहा है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने सचिन को अपने क्षेत्र को छोड़कर किसी अलग विषय पर बोलने में सावधानी बरतने की सलाह दी है. 

Advertisement

शरद पवार ने शनिवार को पुणे में पत्रकारों से बात करते हुए सचिन तेंदुलकर और लता मंगेश्कर के किसान आंदोलन को लेकर दिए बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नाम लिए बगैर कहा कि इसे लेकर (आंदोलन) जो राय इन्होंने रखी है, उससे जनता में नाराजगी है. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए सत्ताधारी दल के नेता कभी आंदोलनकारियों को खालिस्तानी कहते हैं तो कभी कुछ और कहकर बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं.

एनसीपी सुप्रीमो ने कहा कि जीतोड़ मेहनत करके इस देश को अनाज देकर आत्मनिर्भर करने वाले किसानों का ये आंदोलन है. किसानों को बदनाम करना अच्छी बात नहीं. पवार का कृषि मंत्री रहते लिखा पत्र तेजी से वायरल हो रहा है. इसे लेकर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि हां, मैंने पत्र लिखा था. उस पत्र में ये दो-तीन बातें भी स्पष्ट लिखी हुई हैं कि कृषि को लेकर कानून में सुधार लाया जाना जरूरी है. इसके लिए सभी राज्यों के कृषि मंत्रियों के साथ मीटिंग की थी और कुछ कृषि मंत्रियों की कमेटी भी बनाई थी. महाराष्ट्र के हर्षवर्धन पाटिल को कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था.

Advertisement

देश के पूर्व कृषि मंत्री पवार ने कहा कि कमेटी की रिपोर्ट के बाद हर राज्य को पत्र लिखा. ऐसा इसलिए, क्योंकि कृषि राज्य का विषय है. दिल्ली में बैठकर इसके लिए कानून बनाने की बजाय हर राज्य से बात की जानी चाहिए. इसीलिए हर राज्य को पत्र लिखा था जिसकी ये लोग बात कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि इस तरह का कानून लाना है तो उसमें हर राज्य की रुचि होनी चाहिए लेकिन मौजूदा सरकार में कृषि विभाग के लोगों ने दिल्ली में चहारदीवारी के अंदर बैठकर तीन कानून बनाए और उसे संसद से पारित करवा दिया.

पवार ने बीजेपी पर लगाया आरोप

शरद पवार ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर गलत तरीके से कानून लाने का आरोप लगाया और कहा कि हमारा तब इस तरह का कानून बनाने का उद्देश्य नहीं था. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को शायद इस बात की जानकारी नहीं है जो वे इस खत की बात कर रहे हैं. उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वे तोमर का अनादर नहीं करते लेकिन किसान आंदोलन को लेकर बीजेपी के किसी वरिष्ठ नेता को हस्तक्षेप करना चाहिए. यह जरूरी हो गया है. पवार ने कहा कि खुद प्रधानमंत्री या फिर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह या नितिन गडकरी को जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए जिससे किसान आंदोलन का कोई हल निकले.

Advertisement

किसान भी गंभीरता से करें बात

एनसीपी सुप्रीमो ने कहा कि अगर सरकार किसी वरिष्ठ नेता को ये जिम्मेदारी सौंपती है तो किसानों को भी गंभीरता से बात करनी चाहिए. किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए सड़क पर नुकीली कील लगाए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि आजादी के बाद ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है. अंतरराष्ट्रीय हस्तियों की ओर से किसान आंदोलन को लेकर चिंता व्यक्त किए जाने को लेकर सवाल के जवाब में पवार ने कहा कि इतने महीने बाद भी कोई किसानों की सुधि नहीं ले रहा. ऐसे में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता होना स्वाभाविक है. उन्होंने साथ ही यह भी जोड़ा कि पीएम मोदी ने कहा था अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ही होंगे. तब अमेरिका के कुछ लोगों को अच्छा लगा था तो कुछ को बुरा भी. अब वहां से किसानों के लिए समर्थन स्वाभाविक है.

फडणवीस और राम कदम ने साधा था निशाना

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राम कदम ने सचिन के खिलाफ केरल में हुए प्रदर्शन का जिक्र करते हुए सत्ताधारी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) को घेरा था. फडणवीस ने सवालिया लहजे में कहा था कि क्या एमवीए के नेता सचिन का अपमान बर्दाश्त करेंगे? वहीं, राम कदम ने ट्वीट कर सचिन के अपमान को मराठी मानुष का अपमान बताते हुए  कहा कि देखना है कि शिवसेना और क्रिकेट में विशेष रुचि लेने वाले शरद पवार ऐसा करने वालों का समर्थन करेंगे या विरोध.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement