कलीग को रेप के झूठे मामले में भेजा जेल, मांगी 1 करोड़ की फिरौती, ऐसे पुलिस के हत्थे चढ़ी महिला बैंक कर्मी

मुंबई के चारकोप में आरबीएल बैंक की कर्मचारी डॉली कोटक को पूर्व प्रेमी को झूठे बलात्कार केस में फंसाकर ₹1 करोड़ की ब्लैकमेलिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. उसने पीड़ित का डेटा चुराकर धमकी दी, नौकरी भी छिनवाई. मजिस्ट्रेट के आदेश पर पुलिस ने डॉली और अन्य दो आरोपियों पर एफआईआर दर्ज की है.

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कलीग को रेप के झूठे मामले में जेल भेजने वाली महिला गिरफ्तार (Photo:ITG) कलीग को रेप के झूठे मामले में जेल भेजने वाली महिला गिरफ्तार (Photo:ITG)

दीपेश त्रिपाठी

  • मुंबई,
  • 07 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 5:09 PM IST

महाराष्ट्र में उत्तरी मुंबई के चारकोप से एक डरा देने वाला मामला सामने आया है. यहां पुलिस ने प्राइवेट बैंक की एक महिला कर्मचारी को ब्लैकमेल और एक्सटॉर्शन के मामले में गिरफ्तार किया है.

महिला पर अपने पूर्व प्रेमी को झूठे बलात्कार के मामले में फंसाकर 1 करोड़ का एक्सटॉर्शन मांगने का आरोप है. पुलिस ने आरबीएल बैंक की कर्मचारी डॉली कोटक को गिरफ्तार कर लिया है. डॉली पर पूर्व प्रेमी को गलत तरीके से जेल भेजने, कथित तौर पर एक झूठे बलात्कार के मामले की साजिश रचने और उससे ₹1 करोड़ की जबरन वसूली करने का प्रयास करने का आरोप है.

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आरोप है कि महिला पीड़ित को जेल भेजने से शांत नहीं हुई, डॉली कोटक ने कथित तौर पर अदालत परिसर में पीड़ित की बहन से जमानत के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफ़िकेट बयान के बदले ₹1 करोड़ की मांग भी की. इसके साथ ही धमकी दी कि अगर उसकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो अंजाम अच्छा नहीं होगा.

बार-बार मना करने के बावजूद, उसने लगातार फोन कॉल के माध्यम से पीड़ित पर दबाव बनाना जारी रखा. अंततः उसने अपने वकील के कार्यालय में एक मीटिंग की जहां उसने 1 करोड़ की जबरन वसूली की मांग दोहराई.

इतना ही नहीं डॉली कोटक पर आरोप है कि उन्होंने बैंक कर्मचारियों की मदद से आईटी पेशेवर और उनकी पत्नी के व्यक्तिगत और वित्तीय डेटा तक अवैध रूप से पहुंच भी बनाई है. डॉली ने पीड़ित के अकाउंट और गूगल से जुड़े मोबाइल नंबर हटाकर अपना मोबाइल नंबर ऐड किया जिसके कारण ऑनलाइन बैंकिंग विवरण, जीपीएस लोकेशन हिस्ट्री, निजी तस्वीरें और लोकेशन की जानकारी डॉली को मिलने लगी.

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मई 2024 में, पीड़ित को कोटक के नंबर से एक धमकी भरा संदेश मिला, जिसमें लिखा था 'तुम कभी नहीं जीतोगे और दर्द में मरोगे. पैसे दो या जेल में मरो...'. बार-बार उत्पीड़न और पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई न होने के बाद, पीड़ित ने बोरीवली मजिस्ट्रेट से राहत की गुहार लगाई, जिन्होंने चारकोप पुलिस को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 175(3) के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया. इस मामले में पुलिस ने डॉली अरविंद कोटक, प्रमिला वास एचडीएफसी बैंक के संबंधित कर्मचारी और सागर अरविंद कोटक पर मामला दर्ज किया है.

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