केंद्रीय मंत्री और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) (RPI-A) के नेता रामदास अठावले ने महायुति गठबंधन में अपनी पार्टी को सीट बंटवारे से बाहर रखने को विश्वासघात करार दिया है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) चुनाव में 38 सीटों पर अकेले उम्मीदवार उतारेगी, लेकिन जहां आरपीआई नहीं लड़ रही होगी, वहां महायुति का समर्थन करेगी. भाजपा और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने सोमवार को बीएमसी की 227 सीटों में से क्रमश: 137 और 90 सीटों पर चुनाव लड़ने का समझौता घोषित किया.
इस समझौते में आरपीआई(ए) को शामिल नहीं किया गया, जिससे अठावले नाराज हो गए. अठावले ने एक्स पर पोस्ट किया, 'महायुति के गठन के बाद से हमने पूरे ईमानदारी से गठबंधन का साथ दिया है. लेकिन सीट बंटवारे में जो हुआ, वह विश्वासघात है. सोमवार को दोपहर 4 बजे हमारे साथ चर्चा के लिए मीटिंग तय थी, लेकिन सहयोगी दलों (भाजपा और शिवसेना) ने इसे नजरअंदाज कर दिया. यह सिर्फ समय की बर्बादी नहीं, बल्कि हमारे स्वाभिमान पर हमला है.'
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उन्होंने कहा, 'बीएमसी चुनाव नजदीक हैं, मैं अपनी पार्टी कार्यकर्ताओं का अपमान बर्दाश्त नहीं करूंगा. इसलिए कार्यकर्ता जो भी फैसला लेंगे, मुझे पूरा समर्थन होगा.' बाद में अठावले ने स्पष्ट किया कि आरपीआई(ए) 38-39 सीटों पर 'फ्रेंडली फाइट' करेगी और बाकी सीटों पर भाजपा-शिवसेना उम्मीदवारों का समर्थन कर महायुति को सत्ता में लाने की कोशिश करेगी. अठावले की पार्टी पहले 50 सीटों पर नामांकन दाखिल करने की योजना बना रही थी, लेकिन अब यह संख्या 38 पर तय हुई है.
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, नामांकन वापसी की तारीख तक सम्मानजनक चर्चा हुई तो उम्मीदवार वापस लिए जा सकते हैं. महायुति के एक अन्य घटक अजित पवार की एनसीपी भी बीएमसी चुनाव गठबंधन से अलग लड़ रही है. महाराष्ट्र में 29 नगर निगमों के चुनाव 15 जनवरी 2026 को होंगे, जिसमें बीएमसी सबसे महत्वपूर्ण है. नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 30 दिसंबर है. बीएमसी चुनावों के लिए उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने भी हाथ मिलाया है.
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