महाराष्ट्र में होने वाले बीएमसी (बृहन्मुंबई नगर निगम) चुनाव से पहले राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है. इस बीच विपक्षी गठबंधन को झटका लगा है, जिसका सीधा फायदा बीजेपी को मिल सकता है. दरअसल, कांग्रेस और वंचित बहुजन आघाड़ी (VBA, प्रकाश अंबेडकर) के गठबंधन के बाद जो 62 सीटें VBA को मिली थी, उनमें से 16 जगहों पर वंचित बहुजन आघाड़ी अपना उम्मीदवार ही नहीं दे पाई. इनमें से अधिकांश सीटों पर सामने बीजेपी है.
30 दिसंबर तक नामांकन दाखिल करने के लिए आखरी वक्त था. लेकिन वंचित बहुजन आघाड़ी को 16 वॉर्ड में कोई भी सक्षम उम्मीदवार नहीं मिले.
बातचीत में VBA के प्रवक्ता सिद्धार्थ मोकले ने कहा, 'जो 16 सीटें हमने कांग्रेस को वापस कर दी है, उनमें से कई सीटों पर सक्षम उम्मीदवार नहीं थे, वहीं कुछ उम्मीदवारों के पास कागजात की भी दिक्कत थी. इसलिए हमने कांग्रेस को इसकी जानकारी दी थी. और उन्हें इन सारी जगहों पर अपने उम्मीदवार उतारने की अनुमति दी.'
हालांकि, कांग्रेस के लिए भी ये धक्के जैसा था. ऐन वक्त पर उम्मीदवारों को ढूंढना, कागजात तैयार कर उनका नामांकन भरना एक बड़ा चैलेंज था.
कांग्रेस ने उन 16 जगहों पर उम्मीदवार उतारे या नहीं, इसकी पुष्टी अभी तक नहीं हुई है. वहीं कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने इसपर कहा, 'इतने कम समय में 16 जगहों पर उम्मीदवार ढूंढना संभव नहीं था. लेकिन गठबंधन में आपको कॉम्प्रोमाइज करना पड़ता है. अगर वंचित के पास उम्मीदवार नहीं थे, तो कांग्रेस जरूर वहां पर उम्मीदवार देती. लेकिन अब जिन 16 जगहों पर कांग्रेस भी नहीं लड़ रही है, और वंचित भी नहीं लड़ रही है. यह अच्छा संदेश नहीं है.'
जो वॉर्ड कांग्रेस ने वंचित के लिए छोड़े थे, उनमें वॉर्ड नंबर 13 था, जहां पर बीजेपी की रानी द्वेवेदी चुनाव मैदान में है.
वॉर्ड नंबर 14 से बीजेपी की सीमा शिंदे ने नामांकन दाखिल किया है.
वॉर्ड नंबर 15 से बीजेपी की जिग्ना शाह
वॉर्ड नंबर 21 से बीजेपी की लीना देहरकर
वॉर्ड नंबर 30 से बीजेपी के धवल व्होरा
वॉर्ड नंबर 46 से बीजेपी की योगिता कोली
वॉर्ड नंबर 80 से बीजेपी की दिशा यादव
वॉर्ड नंबर 84 से बीजेपी की अंजली सामंत
वॉर्ड नंबर 85 से बीजेपी के मिलिंद शिंदे
वॉर्ड नंबर 108 से बीजेपी की दीपिका घाग
वॉर्ड नंबर 177 से बीजेपी की कल्पेशा कोठारी
वॉर्ड नंबर 182 से बीजेपी के राजन पारकर
वॉर्ड नंबर 195 से बीजेपी के राजेश कांगणे
वॉर्ड नंबर 207 से रोहिदास लोंखडे ने बीजेपी के टिकट पर पर्चा भरा है
क्या है गणित?
VBA और कांग्रेस अगर साथ में इन सारे वार्डों मे चुनाव लड़ती तो उत्तर भारतीय, बिहार, मराठी और बाकी वोटर्स के लिए एक विकल्प दिख सकता था. अब जिन लोगों को ठाकरे ब्रदर्स के अलावा कोई विकल्प वहां पर चाहिए, तो अभी वह उपलब्ध नहीं है. मतलब, VBA ने सीटें तो मांग ली, लेकिन क्या उम्मीदवारों की तलाश बाद में शुरू की? यह सवाल अब उठ रहा है.
अभिजीत करंडे