कांग्रेस के एजेंडे से दूरी, शाह से सुप्रिया सुले की मुलाकात... आखिर शरद पवार की पार्टी में चल क्या रहा है? 

महाराष्ट्र में बीएमसी चुनाव को लेकर सियासी तपिश गर्म है, लेकिन शरद पवार मुंबई से दूरी बनाए हुए हैं. कांग्रेस के EVM के मुद्दे से पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने एक तरफ किनारा कर लिया और अपने सांसदों के साथ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलीं. ऐसे में सवाल उठता है कि शरद पवार की पार्टी के मन में चल क्या रहा है?

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सुप्रिया सुले अपने सांसदों के साथ अमित शाह से मुलाकात किया (Photo-PTI) सुप्रिया सुले अपने सांसदों के साथ अमित शाह से मुलाकात किया (Photo-PTI)

कुबूल अहमद

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  • 18 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:38 PM IST

महाराष्ट्र में बीएमसी सहित 29 नगर निगम चुनावों का ऐलान हो चुका है. चुनावी सियासी हलचल के बीच एनसीपी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार मुंबई से बाहर हैं, जिसे लेकर शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि शरद पवार को डिप्टी सीएम अजित पवार के साथ अपने रिश्तों और मुंबई से दूरी पर अपना स्पष्ट नजरिया रखना चाहिए.

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शरद पवार एक तरफ मुंबई से दूरी बनाए हुए हैं, तो दूसरी तरफ उनकी सियासी वारिस मानी जा रही सांसद सुप्रिया सुले ने अपनी पार्टी के सांसदों के साथ दो दिन पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की है. इससे पहले सुप्रिया सुले ने ईवीएम के मुद्दे पर कांग्रेस को झटका देते हुए उससे दूरी बना ली थी. ऐसे में सवाल उठता है कि शरद पवार की पार्टी के मन में आखिर चल क्या रहा है?

कांग्रेस के एजेंडे को सुप्रिया का झटका

महाराष्ट्र के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने पिछले दिनों कांग्रेस के 'वोट चोरी' वाले एजेंडे से दूरी बना ली थी. लोकसभा में चुनाव सुधारों पर हो रही बहस के दौरान ईवीएम और वोट चोरी को लेकर कांग्रेस, मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कवायद में जुटी थी. सुप्रिया सुले ने ईवीएम और VVPAT पर सवाल उठाने से इनकार करके कांग्रेस को बड़ा झटका दिया था.

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सुप्रिया सुले ने सदन में कहा था, 'मैं इसी मशीन से चार बार चुनकर आई हूं, इसलिए मैं ईवीएम या फिर VVPAT पर सवाल नहीं उठाऊंगी.' उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब कांग्रेस लगातार ईवीएम में गड़बड़ी और वोट चोरी के आरोप लगा रही है. इस तरह कांग्रेस सहित विपक्षी दलों से अलग रुख सुप्रिया सुले का रहा.

अमित शाह से सुप्रिया सुले की मुलाकात

ईवीएम के मुद्दे पर कांग्रेस को झटका देने के दूसरे दिन ही सुप्रिया सुले ने अपनी पार्टी के सांसदों के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की, जिसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. हालांकि, सुप्रिया सुले ने साफ कहा कि यह मुलाकात पूरी तरह महाराष्ट्र से जुड़े मुद्दों पर थी. अमित शाह के सामने उन्होंने बीड के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या का मुद्दा उठाया और उनके परिवार को जल्द न्याय दिलाने की मांग की.

सुप्रिया सुले भले ही महाराष्ट्र के मुद्दे पर अमित शाह से मिली हों, लेकिन उनकी मुलाकात ने अटकलों को हवा दे दी है. ईवीएम पर स्टैंड बदलने से पहले सुप्रिया सुले के केंद्र में मंत्री बनने की चर्चा चल रही थी. ऐसे में विपक्ष से अलग राय रखना और अमित शाह से मिलना चर्चा का विषय बन गया है. सुले ने दिल्ली में अमित शाह के साथ मुलाकात के बाद सोशल मीडिया पर सार्वजनिक तौर पर उनका दिल से आभार भी व्यक्त किया था.

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मुंबई से शरद पवार की दूरी पर सवाल

बीएमसी सहित 29 नगर निगमों के चुनाव हो रहे हैं. महाराष्ट्र की राजनीति में बीएमसी का चुनाव राजनीतिक दलों के लिए काफी अहम माना जाता है. ऐसे में शरद पवार का मुंबई से दूरी बनाए रखना चिंता का सबब बनता जा रहा है. उनकी पार्टी महाविकास अघाड़ी के साथ लड़ेगी या नहीं, यह तस्वीर अभी साफ नहीं है. शरद पवार की पार्टी के साथ गठबंधन के सवाल पर संजय राउत ने कहा कि वह सीट शेयरिंग के बारे में खुद शरद पवार से बात करेंगे.

संजय राउत ने कहा, 'राज ठाकरे के साथ हमारी बातचीत फाइनल है. मुंबई में शरद पवार अभी हैं नहीं, लेकिन जब आएंगे तो बातचीत करेंगे.य इस समय मुंबई के बाहर उनकी गैर-मौजूदगी निश्चित रूप से बहुत मायने रखती है. अजित पवार और शरद पवार के बीच क्या खिचड़ी पक रही है, यह बताना उन पर ही निर्भर है.' इस तरह संजय राउत भी शरद पवार की भविष्य की राजनीति को लेकर संशय में दिख रहे हैं.

पवार परिवार में दिख रही नजदीकी

शरद पवार द्वारा खड़ी की गई एनसीपी को उनके भतीजे अजित पवार ने अपने नियंत्रण में ले लिया था. अजित पवार ने एनसीपी के तमाम नेताओं के साथ बीजेपी से हाथ मिला लिया था, जिसके चलते चाचा-भतीजे के रिश्ते बिगड़ गए थे. इसके बाद से महाराष्ट्र की राजनीति में लंबे समय से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दोनों खेमों के एकजुट होने की अटकलें लगती रही हैं.

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अब शरद पवार और अजित पवार के बीच मुलाकातें हो रही हैं. सुप्रिया सुले और अजित पवार के बीच भी कड़वाहट कम हुई है, वहीं रोहित पवार भी अजित पवार के निकट आए हैं. सुप्रिया सुले अब कई मुद्दों पर अजित पवार का बचाव करती हुई भी नजर आती हैं.

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि हाल ही में पवार परिवार के बीच खटास कम हुई है और अजित-शरद के बीच निकटता बढ़ी है. हाल के दिनों में जिस तरीके से सुप्रिया सुले ने ईवीएम पर स्टैंड बदला है, वह सामान्य बात नहीं है. इसके तुरंत बाद अमित शाह से उनकी मुलाकात ने इन सवालों को और गहरा दिया है कि शरद पवार के मन में आखिर चल क्या रहा है?

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