समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आज़मी ने पंढरपुर यात्रा को लेकर विवादास्पद बयान दिया है. उन्होंने कहा कि वारी की वजह से सड़कों पर जाम लग जाता है. हिंदुओं के त्योहार जब मनाए जाते हैं तो मुसलमान कभी विरोध नहीं करते, लेकिन जब मुसलमान नमाज़ अदा करते हैं, तब शिकायतें की जाती हैं.
अबू आज़मी ने कहा कि मस्जिद के बाहर नमाज़ नहीं पढ़ी जा सकती. हम हमेशा हिंदू भाइयों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते हैं. आज तक किसी भी मुसलमान ने यह शिकायत नहीं की कि हिंदू त्योहारों की वजह से रास्ता बंद होता है, लेकिन जब मस्जिद में नमाज़ पढ़ी जाती है, तो यूपी के मुख्यमंत्री कहते हैं कि अगर बाहर नमाज़ पढ़ी गई तो पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस रद्द कर दिए जाएंगे.
उन्होंने आगे कहा कि आज जब मैं सोलापुर आ रहा था, तब मुझे बताया गया कि पालकी आने वाली है, जल्दी निकलो वरना रास्ता जाम हो जाएगा. वारी की वजह से ट्रैफिक जाम होता है लेकिन हमने कभी इसका विरोध नहीं किया. मुसलमानों के लिए जानबूझकर जमीन नहीं दी जाती.
बता दें कि संत ज्ञानेश्वर महाराज और संत तुकाराम महाराज की पालकी फिलहाल पुणे की दिशा से पंढरपुर की ओर प्रस्थान कर रही है. ऐसे में समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आज़मी के इस बयान से राजनीतिक विवाद गहराने की आशंका है.
पंढरपुर वारी क्या है?
पंढरपुर वारी महाराष्ट्र की सबसे पुरानी और आस्था से जुड़ी यात्राओं में से एक है, जिसमें लाखों भक्त संत ज्ञानेश्वर महाराज और संत तुकाराम महाराज की पालकी के साथ पैदल यात्रा करते हैं. इस यात्रा का समापन पंढरपुर के विठोबा मंदिर में होता है.
अभिजीत करंडे