पोक्सो मामले में 65 साल का पूर्व सफाईकर्मी बरी, लगा था अपनी ही नातिन से छेड़छाड़ का आरोप

सोमवार को बदलापुर के एक रिटायर्ड सफाईकर्मी को अपनी ही नातिन को गलत तरीके से छूने के आरोपों से बरी कर दिया.अदालत ने पाया कि पीड़िता सहित सभी ने कहा कि ऐसी कोई घटना कभी नहीं हुई थी. 

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पोक्सो मामले में 65 साल का पूर्व सफाईकर्मी बरी पोक्सो मामले में 65 साल का पूर्व सफाईकर्मी बरी

विद्या

  • मुंबई,
  • 30 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 9:18 AM IST

मुंबई सेशन कोर्ट ने सोमवार को बदलापुर के एक रिटायर्ड सफाईकर्मी को अपनी ही नातिन को गलत तरीके से छूने के आरोपों से बरी कर दिया.अदालत ने पाया कि पीड़िता सहित सभी ने कहा कि ऐसी कोई घटना कभी नहीं हुई थी. 

हालांकि सबसे पहले पीड़िता की चाची ने 18 नवंबर 2021 को विक्रोली पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया था. चाची ने कहा था कि 13 साल की पीड़िता ने उसे बताया था कि करीब एक साल पहले 24 दिसंबर 2020 को जब उसके नाना एक शादी समारोह में उसके घर आए थे और उसकी मां खाना बना रही थी. तब नाना ने उसे ऊपर की मंजिल पर बुलाया और उसके कपड़ा ऊपर खींचकर उसके निजी अंगों को छुआ था.
 
जांच अधिकारी ने गवाहों, पीड़िता और मुखबिर के बयान दर्ज किए, जिन्हें मजिस्ट्रेट के सामने भी दर्ज किया गया. उन्होंने आरोपी को गिरफ्तार किया और जांच पूरी होने पर आरोपी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया. बाद में उसे जमानत दे दी गई. जांच अधिकारी ने पीड़िता का स्कूल प्रमाण पत्र और जन्म प्रमाण पत्र एकत्र किया, लेकिन अभियोजन पक्ष ने कोई सबूत पेश करके इसे साबित नहीं किया. POCSO के लिए पीड़िता की उम्र साबित करने के अलावा, गवाहों ने अपना पक्ष नहीं रखा. पीड़िता की चाची ने कहा कि उन्होंने ठाणे जिले के बदलापुर निवासी 65 वर्षीय आरोपी के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज नहीं की.

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पीड़िता ने भी कहा कि उसे अपने साथ हुई किसी घटना की याद नहीं है और न ही उसे इस घटना के बारे में दर्ज शिकायत के बारे में पता है. पीड़िता के अनुसार पुलिस ने उसका बयान दर्ज किया जो उसके माता-पिता के बीच झगड़े के बारे में था. पीड़िता ने विशेष रूप से इस बात से इनकार किया कि आरोपी ने उसे अनुचित तरीके से छुआ था. पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज अपने बयान की बात से भी इनकार किया. विशेष पोक्सो न्यायाधीश एनएस शेख ने कहा कि 'यह साबित करने के लिए कोई प्रत्यक्ष या परिस्थितिजन्य सबूत नहीं है कि आरोपी ने पीड़िता पर यौन उत्पीड़न किया था. साथ ही, यह साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है कि आरोपी ने पीड़िता को घटना का खुलासा करने से धमकाया था,'और इस तरह तीन साल से अधिक समय तक चली सुनवाई के बाद आरोपी को बरी कर दिया.

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