विदिशा के इंजीनियर छात्रों ने किया विशेष गद्दे का अविष्कार, अब MRI के वक्त मरीजों को नहीं लगेगी ठंड

इंजीनियरिंग कॉलेज सम्राट अशोक टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट यानी SATI के विद्यार्थियों ने ऐसा गद्दा तैयार किया है जिसका खर्च मात्र 5000 रुपये आता है. यह गद्दा उन मरीजों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा जो एमआरआई करवाने के दौरान ठंड से परेशान रहते हैं.

Advertisement
MRI मशीन (फाइल फोटो) MRI मशीन (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • विदिशा,
  • 04 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 5:36 PM IST
  • विदिशा के इंजीनिरिंग कॉलेज के छात्रों ने किया है अविष्कार
  • स्मार्ट इंडिया हेकाथान में भी जीता था फर्स्ट अवार्ड
  • MRI करवाने वाले मरीजों के ठंड से बचाएगा गद्दा

अब MRI (Magnetic resonance imaging) के दौरान मरीजों को ठंड नहीं लगेगी. इसके लिए एमपी के विदिशा जिले में स्थित एक इंजीनियरिंग कॉलेज के पांच छात्रों ने एक विशेष गद्दा तैयार किया है. यह विशेष गद्दा बेहद कम तापमान वाले कमरों में होने वाली एमआरआई जांच के दौरान मरीज के शरीर को गर्म रखेगा.

जानकारी के मुताबिक इंजीनियरिंग कॉलेज सम्राट अशोक टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट यानी SATI के विद्यार्थियों ने ऐसा गद्दा तैयार किया है जिसका खर्च मात्र 5000 रुपये आता है. यह गद्दा उन मरीजों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा जो एमआरआई करवाने के दौरान ठंड से परेशान रहते हैं.

Advertisement

इंजीनियरिंग कॉलेज के इन छात्रों के इस अविष्कार की सराहना दिल्ली में भी हो चुकी है. जब स्मार्ट इंडिया हेकाथान- 2020 के तहत इन्हें प्रथम पुरस्कार से नवाजा गया था और एक लाख रुपयों की राशि इस टीम को प्राप्त हुई थी. अमूमन जटिल बीमारी के चलते डॉक्टर मरीजों को एमआरआई कराने की सलाह देते हैं. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि मरीज के शरीर में या फिर मरीज किस बीमारी से ग्रसित है उसकी बारीकी से जांच हो सके.

चाहे सरकारी अस्पताल हो या प्राइवेट अस्पताल हो, जब एमआरआई के लिए मरीज को कमरे में ले जाया जाता है तब उस कमरे का तापमान बहुत ही कम रखा जाता है. अत्यधिक कूलिंग रहने की वजह से एमआरआई भी साफ और स्पष्ट रिजल्ट नहीं दे पाती है. इसे लेकर लगातार रिसर्च भी चलती आ रही है.

Advertisement

गौरतलब है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार उद्योगपतियों के साथ भी संवाद किया था तब भी चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े उद्योगपतियों ने ऐसे उपकरण इजाद करने की चर्चा भी, देश के प्रधानमंत्री के समक्ष रखी थी, जिसमें एमआरआई सोनोग्राफी कराते समय यह सब बातें और तथ्य भी सामने आए थे.

इसी बीच चिकित्सा उपकरण बनाने वाली एक कंपनी ने विदिशा के इंजीनियरिंग कॉलेज सम्राट अशोक टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट यानी एसएटीआई के डायरेक्टर के समक्ष यह बात रखी थी. यहां के प्रोफेसर आशीष खैरा और प्रोफेसर अजय सुनारे की मानें तो मेडिकल उपकरण बनाने वाली एक कंपनी ने उनसे संपर्क किया और बताया कि एमआरआई के टाइम रूम का टेंपरेचर बहुत कूल करना पड़ता है. जिसके कारण मरीजों को भी खासी परेशानी होती है. इसका कोई ऐसा हल निकाला जाए जिससे टेंपरेचर कूल रहने के बावजूद भी मरीज को अत्यधिक ठंड से बचाया जा सके.

प्रोफेसर आशीष खैरा और अजय सुनारे ने इसके लिए मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के 4 छात्र और एक सिविल इंजीनियरिंग की छात्रा को चुना. इस टीम में अश्विन पोपंड्या, कुणाल पंवार, नेहा डोंटवा, गोविंद कुशवाह और शुभम कुशवाह शामिल थे. इन लोगों ने अपने शिक्षकों के दिशानिर्देश में इस खास गद्दे का तैयार किया है.

Advertisement

गद्दे को इस तरीके से बनाया गया है कि कूलिंग टेंपरेचर में भी मरीज को ठंड नहीं लगे. इन छात्रों ने गद्दे की प्रेजेंटेशन दिल्ली के एक ऑनलाइन कार्यक्रम इंडिया हेकाथान-2020 में भी की थी. वहां मौजूद प्रोफेसर और विशेषज्ञों के बीच विदिशा के कॉलेज के छात्रों द्वारा बनाए गए गद्दे के अनुसंधान को बहुत पसंद किया गया था और इसे प्रथम स्थान प्राप्त हुआ था. बताया जा रहा है कि इस गद्दे को बनाने में मात्र पांच हजार रुपये का खर्च आता है.

पंडित नेहरू ने किया था इस कॉलेज का उद्घाटन

विदिशा का यह इंजीनियरिंग कॉलेज अनुसंधान के मामले में नए से नए उदाहरण देश के समक्ष प्रस्तुत करता आ रहा है. विदिशा के इस कॉलेज की ख्याति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसका उद्घाटन देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के द्वारा किया गया था. नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी भी इसी कॉलेज के विद्यार्थी रह चुके हैं. (इनपुट-विवेक ठाकुर)

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement