निर्वाचन आयोग ने आयकर छापेमारी के बाद मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव और अपर मुख्य गृह सचिव को दिल्ली तलब किया

मध्य प्रदेश में पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव से पहले पड़े आयकर छापों के बाद उन लोगों के साथ हुए लेन-देन से जुड़े लोगों पर कार्रवाई का दबाव बढ़ रहा है. निर्वाचन आयोग के सामने राज्य सरकार के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा को सफाई देनी पड़ेगी कि उन्होंने आरोपियों पर अब तक क्या कार्रवाई की है. साथ ही उन्हें ये भी बताना होगा कि आगे क्या करने वाले हैं.

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चुनाव आयोग के समन के बाद से राज्य सरकार हरकत में आ गई है चुनाव आयोग के समन के बाद से राज्य सरकार हरकत में आ गई है

संजय शर्मा

  • भोपाल,
  • 24 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 8:17 PM IST
  • MP के मुख्यसचिव को चुनाव आयोग ने समन किया है
  • आयकर विभाग की छापेमारी पर करनी है पूछताछ
  • समन के बाद से राज्य सरकार हरकत में

निर्वाचन आयोग के उप आयुक्त चंद्रभूषण कुमार ने मध्यप्रदेश के मुख्यसचिव और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव को पांच जनवरी के दिन दिल्ली आने के लिए कहा है. मामला ये है कि मध्य प्रदेश में पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव से पहले अलग-अलग जगह पर आयकर विभाग के छापे पड़े थे. इन छापों के बाद उन लोगों के पर क्या कार्रवाई हुई क्या नहीं हुई इसे लेकर चुनाव आयोग गंभीर है.

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इसी वजह से निर्वाचन आयोग ने राज्य सरकार के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा को इस मामले में हुई कार्रवाई पर सफाई देने के लिए समन किया है. आयोग ये पूछेगा कि उन्होंने आरोपियों पर अब तक क्या कार्रवाई की है. साथ ही उन्हें ये भी बताना होगा कि वे आगे क्या करने वाले हैं. आयोग ने अधिकारियों से पूरी तैयारी और प्लानिंग के ब्लूप्रिंट के साथ आने को कहा है. इसीलिए अधिकारियों को समुचित समय भी दिया गया है.

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उप निर्वाचन आयुक्त चंद्र भूषण कुमार की ओर से मुख्य सचिव को मिले पत्र में यह साफ लिखा है कि सीबीडीटी यानी केंद्रीय प्रत्यक्षकर बोर्ड की रिपोर्ट के बारे में बातें करनी है कि उस रिपोर्ट पर उन्होंने अब तक क्या कार्रवाई की है और आगे क्या करने जा रहे हैं. आयोग की चिट्ठी मिलने के बाद से राज्य सरकार हरकत में आ गई है. क्योंकि सीधे-सीधे इस मामले में सरकार की साख दांव पर लगी है. सचिवालय ने मुख्यमंत्री को भी निर्वाचन आयोग के पत्र की जानकारी के साथ अप्रेजल रिपोर्ट की कानूनी और तकनीकी बारीकियां भी बताई हैं.

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रिपोर्ट में राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी अरुण मिश्रा और तीन आईपीएस अधिकारी बी मधुकुमार, संजय माने और सुशोभन बैनर्जी के साथ मप्र सरकार के कुछ मंत्रियों, विधायकों और कांग्रेस के नेताओं व विधायकों के नाम हैं. आर्थिक अपराध शाखा को केस सौंपने के बाद की संभावनाओं पर भी विचार किया गया. उप चुनाव आयुक्त चंद्रभूषण कुमार ने मुख्य सचिव के साथ राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को भी पत्र लिखकर जानकारी दी है. आपको बता दें कि इस मामले में सीबीडीटी की रिपोर्ट के साथ चिट्‌ठी आए हुए सात दिन हो गए.

चुनाव से पहले तत्कालीन कमलनाथ सरकार के करीबियों पर आयकर छापे से जुड़ी सीबीडीटी की रिपोर्ट और चुनाव आयोग की चिट्‌ठी मप्र सरकार को 16 दिसंबर को मिली थी. तब से लेकर अभी तक सात दिन हो गए हैं. इस बीच सरकार ने आयकर विभाग की अप्रेजल रिपोर्ट का परीक्षण करने के साथ कानूनी राय ले ली है. अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि एकाध हफ्ते में कार्रवाई की रूपरेखा पर सहमति बन जाएगी.

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