'मैं भूखा-नंगा हूं, कमलनाथ उद्योगपति', चुनाव प्रचार के बीच कांग्रेस पर भड़के शिवराज सिंह

शिवराज सिंह ने किसानों के मुद्दों पर भी जवाब दिया. उन्होंने कहा कि कर्जमाफी से किसानों का भला नहीं होने वाला है. गौरतलब है कि 2018 में जब एमपी में कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार बनाई थी तो राहुल गांधी के चुनावी वादे को पूरा करते हुए किसानों की कर्जमाफी का काम सरकार ने किया था.

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प्रचार के दौरान शिवराज सिंह चौहान- PTI प्रचार के दौरान शिवराज सिंह चौहान- PTI

भुवनेश सेंगर

  • भोपाल,
  • 13 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 9:37 AM IST
  • मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव
  • 3 नवंबर को होनी है उपचुनाव के लिए वोटिंग
  • सीएम शिवराज सिंह ने कांग्रेस पर किया पलटवार

एक तरफ जहां बिहार में बड़ी चुनावी लड़ाई चल रही है, वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश में भी अहम चुनाव होने जा रहे हैं. यहां की 28 विधानसभा सीटों पर 3 नवंबर को उपचुनाव होने हैं. जिसके नतीजे बिहार के साथ ही 10 नवंबर को आएंगे. उपचुनाव ने एमपी की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है. बीजेपी-कांग्रेस में जमकर वार-पलटवार चल रहे हैं.

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प्रचार के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आजतक से खास बातचीत की. विरोधी नेताओं की टिप्पणी पर जवाब देते हुए शिवराज सिंह ने यहां तक कह दिया कि ''हां मैं भूखा-नंगा हूं. कमलनाथ उद्योगपति हैं. मैं जनता को प्रणाम करता हूं.''

इसके अलावा शिवराज सिंह ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि वो कहते हैं मैंने घुटने टेक दिए, जेब में नारियल की बात कही जा रही है. नारियल नहीं तो क्या शैम्पेन रखूं. 

कर्जमाफी से किसानों को फायदा नहीं

इसके अलावा शिवराज सिंह ने किसानों के मुद्दों पर भी जवाब दिया. उन्होंने कहा कि कर्जमाफी से किसानों का भला नहीं होने वाला है. गौरतलब है कि 2018 में जब एमपी में कांग्रेस ने कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार बनाई थी तो राहुल गांधी के चुनावी वादे को पूरा करते हुए किसानों की कर्जमाफी का काम सरकार ने किया था. कांग्रेस अपने इस फैसले को आगे रखती है जबकि बीजेपी का मानना है कि कर्जमाफी से किसानों का भला नहीं होता है. 

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कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए नेताओं पर भी शिवराज सिंह ने जवाब दिया. शिवराज सिंह ने कहा कि सभी नेता अब घुल-मिल गए हैं और मैं चुनाव में जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हूं. बता दें कि मध्य प्रदेश में ये उपचुनाव ही इसलिए हो रहे हैं क्योंकि कांग्रेस विधायकों ने अपनी पार्टी से बगावत करते हुए बीजेपी का पाला संभाल लिया था. इसी साल मार्च में जब देश होली का जश्न मना रहा था तो ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने समर्थक विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़ने का फैसला कर लिया था और वो बीजेपी में शामिल हो गए थे. सिंधिया के इस फैसले से कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिर गई थी और शिवराज सिंह की वापसी हो गई थी. 

22 विधायकों ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा दिया था, जिससे शिवराज सिंह आसानी से बहुमत पाने में कामयाब हो गए थे. इसके बाद कुछ और विधायक बीजेपी के पास चले गए थे जबकि दो विधायकों की मौत हो गई थी, जिस कारण कुल 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं. 


 

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