MP:सरकारी नौकरी पाने वाली राज्य की पहली ट्रांसजेंडर बनीं संजना सिंह

शहर के अशोका गार्डन इलाके से रहने वाली संजना को बारहवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी लेकिन हाल ही में सूत्रों ने एएनआई को बताया कि उसने अपनी पढ़ाई फिर से शुरू कर दी है.

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सरकारी नौकरी पाने वाली राज्य की पहली ट्रांसजेंडर बनीं संजना सिंह (फोटो-ANI) सरकारी नौकरी पाने वाली राज्य की पहली ट्रांसजेंडर बनीं संजना सिंह (फोटो-ANI)

aajtak.in

  • भोपाल,
  • 12 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 7:46 AM IST

संजना सिंह नामक एक ट्रांसजेंडर को मध्य प्रदेश सामाजिक न्याय और विकलांग कल्याण विभाग के निदेशक के निजी सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है. इस ट्रांसजेंडर महिला संजना सिंह को कृष्ण गोपाल तिवारी का निजी सचिव नियुक्त किया गया है.  इस उपलब्धि के साथ, भोपाल में सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेने वाली संजना, सरकारी नौकरी पाने वाली राज्य की पहली ट्रांसजेंडर बन गई हैं.

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36 वर्षीय ट्रांसजेंडर को 1 मार्च को कृष्ण गोपाल तिवारी द्वारा नियुक्त किया गया था. उसे जिला कानूनी प्राधिकरण का कानूनी स्वयंसेवक और लोक अदालत का सदस्य भी बनाया गया है, जहाँ वह न्यायाधीश के साथ लंबित मामलों की सुनवाई करेगी.

भोपाल के अशोका गार्डन इलाके से रहने वाली संजना को बारहवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी, लेकिन हाल ही में सूत्रों ने एएनआई को बताया कि उसने अपनी पढ़ाई फिर से शुरू कर दी है. एएनआई से बात करते हुए, संजना ने कहा कि तिवारी जी ने एक अच्छा कदम उठाया है. आने वाले दिनों में हमारे समुदाय के लोगों को बेहतर अवसर मिलेंगे. अगर हमारे समुदाय को पर्याप्त अवसर दिए जाएं, तो हम समाज के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं. यह एक छोटा सा बदलाव है भविष्य में बड़े बदलाव होंगे.

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उसने सरकारी नौकरियों में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए आरक्षण की मांग करते हुए कहा कि अगर आरक्षण दूसरों को प्रदान किया जा सकता है तो हमें क्यों नहीं. उसने आगे कहा कि ट्रांसजेंडर के बारे में समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है. अगर समाज हमें स्वीकार नहीं करता है, तो हम अपनी बाधाओं को नहीं तोड़ पाएंगे. यह किसी राज्य के इतिहास में पहली बार है कि किसी ट्रांसजेंडर को सरकारी नौकरी मिली है.

सिंह ने कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए यह बहुत अच्छा अवसर है क्योंकि हम अब सीधे समाज से जुड़ सकते हैं. मुझे लगता है कि निर्देशक कृष्ण गोपाल तिवारी द्वारा यह एक बहुत अच्छी शुरुआत है और यह इस तरह के और अवसरों के साथ हमारे समुदाय के अन्य लोगों की मदद करेगा.

गौरतलब है कि पिछले साल दिसम्बर 2018 में शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के अधिकारों से जुड़ा एक अहम बिल पारित किया गया था. यह बिल ट्रांसजेंडर्स के अधिकारों को संरक्षित करता है जिस पर सदन ने मुहर लगाई थी. इस बिल में ट्रांसजेंडर व्यक्ति को परिभाषित करने, उनके खिलाफ भेदभाव पर पाबंदी लगाने और उन्हें लिंग पहचान का अधिकार देने के प्रावधान शामिल हैं.

इससे पहले राजस्थान से इस तीसरे जेंडर के लिए एक अच्छी खबर आई थी जब राजस्थान की गंगा पुलिस में भर्ती होने वाली देश की पहली ट्रांसजेंडर बनी थी. 2015 से राजस्थान हाईकोर्ट में इस मामले में सुनवाई चल रही थी कि क्या किसी ट्रांसजेंडर को पुलिस में भर्ती नहीं किया जा सकता है. 2013 में राजस्थान सरकार ने कॉन्सटेबल पोस्ट के लिए भर्तियां निकाली थीं. इसमें जालोर जिले की गंगा कुमारी का भी चयन हो गया था. मेडिकल परीक्षा में गंगा के ट्रांसजेडर होने की पुष्टि के बाद नियुक्ति पर रोक लगी थी.

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ऐसी ही एक कहानी है ट्रांसजेंडर अत्रीकर की है. वह बंगाल की पहली ट्रांसजेंडर हैं जो वह मार्च 2018 में यूपीएससी की सिविल सर्विस प्रीलिम्स की परीक्षा में शामिल हुई थी.

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