जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमले के बाद देशभर में आक्रोश है. देशभर में लोग शहीद जवानों के परिजनों की मदद के लिए सामने आ रहे हैं और उसके लिए अनुदान दे रहे हैं. नौकरशाह से लेकर आम कर्मचारी तक अपने वेतन का कुछ हिस्सा शहीद जवानों की मदद के लिए दान कर रह हैं. इसी क्रम में मध्य प्रदेश पुलिस भी सामने आई है. राज्य पुलिस ने शहीद सीआरपीएफ जवानों के परिजनों को आर्थिक सहायता के तौर पर 7 करोड़ 50 लाख रुपये की राशि एकत्रित की है.
इस राशि का चेक डीजीपी वीके सिंह ने गुरुवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ को सौंपा. मुख्यमंत्री को सौंपी गई इस राशि में मध्य प्रदेश पुलिस के सभी अधिकारियों और पुलिसकर्मियों ने अपने एक दिन का वेतन दान किया है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि पुलिसकर्मियों के इस सहयोग से शहीदों के परिजनों की आर्थिक सहायता हो सकेगी क्योंकि अभी तक देश में पुलवामा में शहीद हुए जवानों के परिजनों को इतनी बड़ी रकम अभी तक किसी ने भी दान नहीं की है.
इसकी जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट भी किया और लिखा कि 'सीएम कमलनाथ को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद जवानों के परिवारों की सहायतार्थ मध्य प्रदेश पुलिस की ओर से डीजीपी वी.के. सिंह ने 7 करोड़ 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता का चेक सौंपा. इस राशि में मध्य प्रदेश पुलिस के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने वेतन में से अंशदान दिया है.'
गौरतलब है कि पुलवामा आतंकी हमले पर पूरे देश में गुस्से की लहर है. साथ ही इस कायराना हमले में शहीद हुए जवानों के परिजनों की मदद के लिए देश भर से मदद के हाथ भी उठ रहे हैं. हर कोई अपने अपने तरीके से शहीदों के परिवार की मदद के लिए आगे आ रहा है. ऐसे में मध्य प्रदेश पुलिस की इस पहल के बाद अब ये माना जा रहा है कि अन्य राज्यों की पुलिस भी शहीदों के परिवार की आर्थिक मदद के लिए अपना योगदान दे सकती है.
कंगन बेच प्रिंसिपल ने दान किए 13 लाख
उत्तर प्रदेश के बरेली में एक प्राइवेट स्कूल की प्रिंसिपल ने अपने सोने के कंगन बेचकर करीब 13 लाख की रकम शहीदों के परिवारों की मदद के लिए दान कर दी. बरेली में प्रिंसिपल किरण झागवाल ने सीआरपीएफ के 40 शहीद जवानों के परिवार की मदद के लिए 1,38,387 रुपये प्रधानमंत्री राहत कोष में दान किए. उन्होंने बताया कि पुलवामा हमले के बाद जब शहीदों के पार्थिव शरीर उनके परिजनों के पास पहुंचे और उन्होनें शहीदों की पत्नियों को रोते हुए टीवी पर देखा तो उन्हें बहुत दुख हुआ.
रवीश पाल सिंह