मध्य प्रदेश में 17 अप्रैल को होगा एक और उपचुनाव, जानिए क्यों?

दमोह विधानसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से राहुल सिंह लोधी की दावेदारी सबसे ज्यादा मजबूत मानी जा रही. क्योंकि राहुल सिंह लोधी कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए हैं. इसलिए माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी उन्हें ही अपना उम्मीदवार बनाएगी.

Advertisement
मध्य प्रदेश की दामोह सीट पर उपचुनाव 17 अप्रैल को होगा.(सांकेतिक तस्वीर) मध्य प्रदेश की दामोह सीट पर उपचुनाव 17 अप्रैल को होगा.(सांकेतिक तस्वीर)

रवीश पाल सिंह

  • भोपाल,
  • 17 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 1:02 AM IST
  • भाजपा से राहुल लोधी की दावेदारी मजबूत
  • हाल ही में 28 विधानसभा सीटों पर हुआ था उपचुनाव
  • जयंत मलैया की नाराजगी दूर करना बीजेपी के लिए चुनौती

कुछ महीने पहले ही 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव देखने वाले मध्य प्रदेश में 17 अप्रैल को एक और उपचुनाव होने जा रहा है. चुनाव आयोग ने दमोह विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया है. दमोह विधानसभा सीट पिछले साल अक्टूबर में उस समय रिक्त घोषित कर दी गई थी जब यहां से कांग्रेस के विधायक राहुल सिंह लोधी ने विधायक पद से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ले ली थी.

Advertisement

उस समय 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का कार्यक्रम तय हो चुका था इसीलिए दमोह विधानसभा सीट पर उपचुनाव तब संभव नहीं थे. चुनाव आयोग के मुताबिक 17 अप्रैल को दमोह विधानसभा सीट उपचुनाव में वोट डाले जाएंगे और मतगणना 2 मई को होगी. उपचुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 30 मार्च रहेगी तो वही नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 3 अप्रैल रखी गई है. 

भाजपा से राहुल लोधी की दावेदारी मजबूत

दमोह विधानसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से राहुल सिंह लोधी की दावेदारी सबसे ज्यादा मजबूत मानी जा रही. क्योंकि राहुल सिंह लोधी कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए हैं इसलिए माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी उन्हें ही अपना उम्मीदवार बनाएगी. पूर्व में कई बार मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष इस बात के संकेत दे चुके हैं.

Advertisement

हालांकि भाजपा के सामने चुनौती होगी कि वह दमोह से अपने पुराने और वरिष्ठ नेता जयंत मलैया की नाराजगी को कैसे दूर करती है क्योंकि मलैया दमोह से कई बार के विधायक और मंत्री रह चुके हैं लेकिन भाजपा यदि राहुल सिंह लोधी को यहां से अपना उम्मीदवार बनाती है तो जयंत मलैया के राजनीतिक भविष्य पर भी सवाल खड़े होंगे. 


 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement