मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के बीचोंबीच बनने जा रहे स्लॉटर हाउस मामले में लोगों के बाद अब नेताओं ने भी विरोध का झंडा उठा दिया है और निगम के अधिकारी अब बैकफुट पर आ गए हैं. भोपाल की लगभग 250 एकड़ जमीन पर भोपाल नगर निगम के अधिकारियों ने अत्याधुनिक स्लॉटर हाउस बनाने की योजना तैयार की लेकिन योजना परवान चढ़ने के पहले ही विवाद में घिर चुकी है. दरअसल विरोध का झंडा लगभग 3 महीने पहले इलाके के लोगों ने उठाया जिसको अब विधायकों का भी समर्थन मिल गया है.
भोपाल की नरेला विधानसभा से विधायक विश्वास सारंग ने इस मामले में मंगलवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान से बात मुलाकात की. इसके पहले स्लॉटर हाउस के पास के लोग सारंग से मिलकर विरोध जता चुके हैं. अभी इसी खाली जमीन के पास में स्लॉटर हाउस संचालित हो रहा है और इसलिए नया बनाए जाने वाला स्लॉटर हाउस पहले शहर से कुछ दूर बनाया जाना प्रस्तावित था, लेकिन बाद में निगम के अधिकारियों ने स्टड फार्म के लिए प्रस्तावित जमीन को बिना कोई स्वास्थ्य सर्वेक्षण कराए स्लॉटर हाउस के लिए आवंटित कर दिया.
ये जमीन शहर के बीचों-बीच है, जिसमें हर दिन लगभग 1200 पशुओं के कत्ल का प्रावधान है. कहा जा रहा है कि इस अत्याधुनिक स्लॉटर हाउस में जानवरों के खून, चमड़े और अन्य अंगों को अलग-अलग करके सभी का उपयोग होगा. निगम के मुताबिक नए स्लॉटर हाउस से मांस को निर्यात किया जाएगा जिससे निगम को राजस्व मिलेगा लेकिन अधिकारियों के इस तर्क का खुद महापौर आलोक शर्मा ने विरोध किया है. मेयर ने यहां तक कह दिया कि उनके मेयर रहते वो इस स्लॉटर हाउस को नहीं बनने देंगे.
सबा नाज़ / रवीश पाल सिंह