मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 15 नवंबर को लापता हुए 15 लोगों में से एक का अभी भी कुछ पता नहीं लग पाया है. जबकि 14 लोग सुरक्षित वापस अपने घर पहुंच गए हैं. दरअसल, जनजातीय गौरव दिवस के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे 15 लोग लापता हो गए थे.
इसका पता तब चला जब भोपाल के जम्बूरी मैदान में जनजातीय गौरव दिवस में शिरकत करने पहुंचे लाखों आदिवासियों में से 15 अपने घर नहीं पहुंचे. पूरे मध्य प्रदेश से आदिवासी वर्ग के लोगों को भोपाल तक लाने और वापस ले जाने के लिए सरकार ने बसों का इंतजाम किया था लेकिन कार्यक्रम खत्म होने के बाद जब बस में नहीं पहुंचे तो खोजबीन शुरू हुई.
इसके बाद पिपलानी थाने में अलग-अलग जगहों के 15 लोगों की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करवाई गई. रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस भी एक्शन में आई और सभी लोगों के बारे में आयोजकों से लेकर उनको भोपाल लाने वाले कार्यकर्ताओं और वाहन प्रभारियों से पूछताछ शुरू हुई.
पुलिस ने इसके बाद बकायदा जिलों में भी संपर्क किया जहां से यह लोग भोपाल आए थे तब जाकर मालूम हुआ कि यह सभी लोग दूसरी बस से दूसरे संसाधनों से अपने घर पहुंच गए थे इसलिए भ्रम की स्थिति बनी थी.
डीआईजी इरशाद वली ने बाद में जानकारी देते हुए बताया, ''जम्बूरी मैदान से गुम हुए 15 लोगों में से 14 लोग मिल चुके हैं और वह सकुशल अपने घर पहुंच गए है. हालांकि इनमें से एक शख्स ऐसा है जो अभी भी लापता है जिसकी पुलिस द्वारा तलाश की जा रही है.''
बता दें, 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल के विश्व स्तरीय रानी कमलापति रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया था. इस मौके पर अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा भोपाल के इस स्टेशन का सिर्फ कायाकल्प ही नहीं हुआ है बल्कि रानी कमलापति का नाम इससे जुड़ने से इसका महत्व और बढ़ गया है. पीएम ने कहा कि 6 वर्ष पहले तक जिसका भी पाला भारतीय रेलवे से पड़ता था वो भारतीय रेल को कोसते हुए जाता नजर आता था. आज रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के रूप में देश का पहला ISO सर्टिफाइड देश का पहला पीपीपी मॉडल आधारित रेलवे स्टेशन देश को समर्पित किया गया है. जो सुविधाएं कभी एयरपोर्ट में मिला करती थीं, वो आज रेलवे स्टेशन में मिल रही हैं.
रवीश पाल सिंह