अफगानिस्तान में चल रहे संकट के बीच पड़ोसी देश पाकिस्तान से करीब 23 साल बाद मध्य प्रदेश के सागर जिले का रहने वाला एक शख्स वापस अपने वतन लौटा है. भारतीय सेना ने सोमवार शाम को प्रहलाद को मध्यप्रदेश पुलिस को सौंपा.
1998 में सागर के रहने वाले प्रहलाद जब 23 साल के थे, तब वे लापता हो गए थे. प्रहलाद की मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं थी. जब कई सालों तक प्रहलाद घर नहीं लौटे तो परिवार ने उम्मीद छोड़ दी थी. लेकिन अचानक जब पुलिस की एक टीम प्रहलाद की जानकारी लेने उनके घर पहुंची तो परिजनों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी.
23 साल बाद पता चला बेटा पाकिस्तान में बंद
पुलिस ने बताया कि प्रहलाद पाकिस्तान की जेल में बंद है. घरवाले एक तरफ उनकी जानकारी मिलने से खुश थे तो दूसरी तरफ वे यह जानकर घबरा भी गए. हालांकि इसके बाद परिजनों ने उनकी रिहाई की कोशिशें शुरू कीं जो आखिरकार रंग लाई और सोमवार 30 अगस्त की शाम आखिरकार प्रहलाद को पाकिस्तान की सेना ने भारतीय सेना के हवाले कर दिया.
प्रहलाद सिंह राजपूत को सोमवार को ही पाकिस्तान की जेल से रिहा कर शाम 5.10 बजे बाघा-अटारी बार्डर पर भारतीय सेना के सुपुर्द किया गया. इसके बाद जरूरी कागजी कार्रवाई के बाद सेना ने उन्हें सागर जिले के गौरझामर थाना के सब इंस्पेक्टर अरविंद सिंह, कांस्टेबल अनिल सिंह और प्रहलाद के भाई वीर सिंह के सुपुर्द कर दिया. प्रहलाद अपने साथ 2 थैले लेकर हिंदुस्तान पहुंचे.
भाई को देखकर आंखों में खुशी के आंसू छलक गए
प्रहलाद को लेने उनके छोटे भाई वीर सिंह भी अटारी बॉर्डर पहुंचे. 23 साल तक पाकिस्तान की जेल में बंद रहे प्रहलाद सिंह राजपूत की रिहाई के बाद उनके भाई वीर सिंह की आंखों में खुशी के आंसू छलक आए और उन्होंने भाई की रिहाई के लिए गए प्रयासों के लिए मध्य प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन को धन्यवाद दिया. बताया जा रहा है कि प्रहलाद मंगलवार दोपहर तक सागर जिले में स्थित अपने घर पहुंच जाएंगे.
रवीश पाल सिंह