मोदी सरकार का मोटर व्हीकल एक्ट, 2019 कानून इन दिनों चर्चा में है. कुछ राज्यों को इस बात का डर सता रहा है कि अगर इसे लागू कर दिया तो जनता का चुनावी मूड न बदल जाए. जिन राज्यों में चुनाव नजदीक है, वहां यह कानून मौजूदा सरकार यथावत रूप में लागू करने से डर रही है. चुनावी राज्यों से अलग हटकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ ने मोटर व्हीकल एक्ट के नए कानूनों पर ऐतराज जताया है.
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक ट्वीट में कहा, 'सड़क हादसों को रोकना और लोगों की हिफाजत करना हम भी चाहते हैं पर यह भी देखना चाहिए कि जुर्माना अव्यवहारिक न हो. लोगों की क्षमता के अनुसार जुर्माना लगाया जाए. भारी मंदी का दौर चल ही रहा है. केंद्र सरकार राशि पर पुनर्विचार करे और लोगों को राहत प्रदान करे. हम भी इसका अध्ययन कर रहे हैं.'
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) शासित राज्यों में भी केंद्र सरकार के नए नियमों में ढील दी जाने की अपील की जा रही है. बुधवार को ही महाराष्ट्र के ट्रांसपोर्ट मंत्री दिवाकर रावते aajtak.in से बातचीत में कहा था कि इस एक्ट का मकसद लोगों की जान बचाना है, जो कि अच्छा है. लेकिन इस एक्ट के नए प्रावधानों की वजह से जनता रो रही है.
दिवाकर रावते ने कहा नए जुर्माने लोगों पर भारी पड़ रहे हैं. हम गुजरात की तरह जुर्माने की राशि में भारी कटौती की बात भी नहीं कह रहे हैं, न ही हम राजनीतिक रूप से इसका विरोध कर रहे हैं. हम बस यही चाहते हैं कि केंद्र सरकार इस पर विचार करें.
दिवाकर रावते ने कहा, 'केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी एक समझदार व्यक्ति हैं. मुझे लगता है कि वे इस मामले पर विचार करेंगे. यह एक्ट महाराष्ट्र सरकार में लागू नहीं किया गया है. हम केंद्रीय मंत्री के जवाब का इंतजार कर रहे हैं. यह एक राजनीतिक निर्णय नहीं है, क्योंकि चुनाव आ रहे हैं. चुनाव आते-जाते रहते हैं, लोगों की राय महत्वपूर्ण है.
इन राज्यों में बदलाव
महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं. गुजरात ने चुनाव से हटकर मध्यम मार्ग अपनाया है और जुर्माने की राशि को कम किया है. वहीं उत्तराखंड में भी चालान की नई दरों के उलट लोगों को राहत दी गई है. हरियाणा तो ट्रैफिक नियमों के संबंध में जागरूकता अभियान चलाने की तैयारी कर रहा है.
कर्नाटक की राज्य सरकार अभी विचार कर रही है. उत्तर प्रदेश में यह कानून पूरी तरह से लागू नहीं है. पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने नए कानून को मानने से ही इनकार कर दिया है. वहीं राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार भी इन प्रावधानों के खिलाफ है.
देशभर में नए मोटर व्हीकल एक्ट का विरोध किया जा रहा है. विपक्ष समेत लोगों का कहना है कि जुर्माने की राशि बेहद ज्यादा है, जिससे भरना लोगों की जेब पर भारी पड़ रहा है. दिल्ली, उत्तराखंड समेत कई राज्यों में नए मोटर व्हीकल एक्ट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी हुए थे.
aajtak.in