मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में बुधवार से फल, सब्ज़ियों और दूध की किल्लत होने की आशंका है. ये आशंका इसलिए जताई जा रही है क्योंकि भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले किसान 29 से 31 मई तक हड़ताल पर रहने का दावा कर रहे हैं.
'आजतक' ने इस हड़ताल का दावा करने वाले भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि इस आंदोलन के पीछे 2 मांगें अहम हैं जिसमें से पहली है सभी किसानों को कर्जमाफी का लाभ देना और दूसरी किसानों की उपज का समर्थन मूल्य बढ़ाना. अनिल यादव ने कहा कि 29 मई से 31 मई तक हम आंदोलन कर रहे हैं और यह पूर्णतः प्रदेशव्यापी आंदोलन है.
अगर सरकार कर्जमाफी पर 3 दिनों में विचार नहीं करती है तो यह आंदोलन आगे बढ़ाया भी जा सकता है'. अनिल यादव के मुताबिक, 'इस आंदोलन में फल, फूल, सब्जी, दूध पूरी तरह से बंद किया जाएगा क्योंकि हमने आचार संहिता लगने से पहले भी कई बार मुख्यमंत्री से चर्चा की थी लेकिन कोई ठोस जवाब नहीं मिला और किसानों की आत्महत्या लगातार जारी है.
उन्होंने आगे कहा कि हम किसानों की सेवा कर रहे हैं, किसान संगठन के नाम से काम कर रहे हैं तो हमें किसानों को जवाब देना पड़ता है'. अनिल यादव ने दावा किया कि 'इस आंदोलन से जनता भुगतेगी नहीं बल्कि हमारा समर्थन करेगी. हम फिर भी जनता से मांग करेंगे कि वह हमारा सहयोग करें क्योंकि शहर में तो एक आदमी महीने के ₹50000 तनख्वाह पाता है लेकिन इतना ही पैसा एक किसान साल भर में भी नहीं कमा पाता इसलिए गांवों से पलायन करके जो लोग शहर में आए हैं वह भी हमारा सहयोग करेंगे'.
जब 'आजतक' ने अनिल यादव से सवाल पूछा कि जो किसान आंदोलन का हिस्सा नहीं बनना चाहते, क्या उनसे जबरदस्ती की जाएगी तो उन्होंने कहा कि 'जबरदस्ती का कोई काम नहीं होगा किसान खुद ही रुकेगा, हमें जबरदस्ती करने की जरूरत नहीं. किसान कभी उग्रता की ओर नहीं बढ़ता वह तो शांति का प्रतीक है'.
कहां-कहां से आती है भोपाल में सब्ज़ियां
राजधानी भोपाल में ज़िले के ग्रामीण इलाकों समेत नज़दीकी ज़िले सिहोर, विदिशा, रायसेन और होशंगाबाद से सब्ज़ियां, फल और दूध आता है. ऐसे में भोपाल आने वाले रास्तों पर भारतीय किसान यूनियन के सदस्य भोपाल की मंडियों और शहर में आने वाली रसद की गाड़ियों को रोकने की बात कर रहे हैं.
रवीश पाल सिंह