मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए अभी भले ही तारीख का ऐलान नहीं हुआ है लेकिन विपक्षी दलों ने सत्ताधारी बीजेपी के खिलाफ लामबंदी शुरू कर दी है.
रविवार को राजधानी भोपाल में आठ से ज्यादा गैर-बीजेपी राजनीतिक संगठनो ने गठबंधन करने के लिए बैठक की. इस बैठक में लोकतांत्रिक जनता दल (लोजद), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम), बहुजन संघर्ष दल, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, समाजवादी पार्टी (सपा), राष्ट्रीय समानता दल और प्रजातांत्रिक समाधान पार्टी मौजूद थीं. सभी दलों का मकसद मध्य प्रदेश की सत्ता पर बीते 15 सालों से काबिज बीजेपी को हराना है.
हालांकि इस बैठक में कांग्रेस समेत बहुजन समाज पार्टी जैसे दल मौजूद नहीं थे, लेकिन इन दलों का मानना था कि अगले 15 दिनों में इनको भी साथ जोड़ा जाएगा.
इस बैठक का आयोजन लोक क्रांति अभियान के गोविंद यादव ने किया जिसमें कांग्रेस को नहीं बुलाया गया. वहीं एक दिन पहले ही समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी मध्य प्रदेश पहुंचे थें और उन्होंने बताया था कि समाजवादी पार्टी मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ मिलकर लड़ रही है. मध्य प्रदेश में कांग्रेस के साथ गठबंधन के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा था कि 'ये कांग्रेस के ऊपर है और उसकी जिम्मादीरी भी है कि कैसे एक विचारधारा के दल साथ आए.'
वहीं बहुजन समाज पार्टी पहले ही 22 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान करने के साथ ही मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों का डंका बजा दिया है. तो वहीं आम आदमी पार्टी ने सभी 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद से लेकर अब तक करीब 123 प्रत्याशियों की घोषणा भी कर दी है.
विवेक पाठक / रवीश पाल सिंह