देशभर में धर्म और धार्मिक सहिष्णुता के मुद्दों पर अपने बयानों से चर्चा में रहने वाले केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने भारत के बंटवारे को नाजायज करार दिया है. इंदौर में एक कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल खान ने कहा मोहम्मद अली जिन्ना को इस्लाम का कितना ज्ञान था, इसका उल्लेख उनकी किताबों में मिल जाता है. उस समय बंटवारे की मांग पर मौलाना आजाद दीवारों पर सर पटक पटक कर रह गए कि पाकिस्तान की मांग धर्म के आधार पर जायज नहीं है, लेकिन जिन्ना ने उनकी बात नहीं मानी.
राज्यपाल ने कहा कि नतीजतन बंटवारा हुआ. उन्होंने आज के दौर में अल्पसंख्यक समुदायों द्वारा भारत में जताई जाने वाली धार्मिक आशंकाओं पर विराम लगाते हुए कहा कि भारत जैसे संवैधानिक देश में मुसलमानों सहित किसी के भी मन में यह गुंजाइश नहीं रह जाती कि वह अल्पसंख्यक है अथवा उसकी संस्कृति पूजा पद्धति रिवाज अथवा मान्यताओं को कोई खतरा है, क्योंकि इस देश में सदियों से लोग मिल जुल कर रहते आए हैं.
'किसी भी समुदाय द्वारा अल्पसंख्यक मानना ही गलत'
केरल के राज्यपाल ने कहा कि ऐसे में किसी की भी पहचान या संस्कृति के संकट की बात बेमानी है. उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में खुद को किसी भी समुदाय द्वारा अल्पसंख्यक मानना ही गलत है. उन्होंने पारसी समुदाय का जिक्र करते हुए कहा कि पारसी समुदाय की संख्या तो अब 100000 से घटकर 70000 हो चुकी है, लेकिन जब वह कोई संस्कृति अथवा अपने अस्तित्व को लेकर खतरा या आशंका नहीं जताते हैं तो अन्य समुदाय के लोगों द्वारा ऐसा सोचना बेमानी है.
राज्यपाल ने कहा कि आज के दौर में किसी को भी दबाने का कोई मतलब नहीं है, लेकिन सभी जानते हैं कि भारत का बंटवारा जायज नहीं था.
धर्मेंद्र कुमार शर्मा