सोमवार से शुरू हुए मध्य प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र में इस बार करीब 1100 शब्दों को असंसदीय करार दिया गया है. ऐसे शब्दों की सूची भी जारी की गई है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक, रामेश्वर शर्मा ने इस सूची से 'बंटाधार' शब्द को हटाने की मांग की है.
दरअसल, विधानसभा के मॉनसून सत्र का पहला दिन हंगामे की भेंट चढ़ गया. इसके बाद बीजेपी विधायक और पूर्व प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि बंटाधार शब्द लोक चर्चा का शब्द है. मध्यप्रदेश के नागरिक इस शब्द का इस्तेमाल दिग्विजय सिंह के 10 साल के शासनकाल की याद में करते हैं.
रामेश्वर शर्मा ने कहा कि बंटाधार असंसदीय बिल्कुल नहीं है बल्कि 10 साल में दिग्विजय सिंह की सरकार का कामकाज कैसा था, यह उसका दर्शन है. बंटाधार शब्द को असंसदीय शब्दों की सूची में डालने से सदन के सदस्यों और जनता में रोष है, इसलिए बंटाधार शब्द पर से प्रतिबंध हटाया जाए.
MP विधानसभा में वेंटिलेटर बोलना माना जाएगा असंसदीय, कांग्रेस ने खड़े किए सवाल
नक्सलवादी शब्द से भी प्रतिबंध हटाने की मांग
बंटाधार के अलावा रामेश्वर शर्मा ने नक्सलवादी शब्द पर लगाए गए प्रतिबंध को भी हटाने की मांग की है. रामेश्वर शर्मा ने कहा है कि बीते कुछ समय से छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की सीमा पर बसे जिलों में नक्सल मूवमेंट बढ़ा है. ऐसे में यदि सदन में इस पर चर्चा करनी हो तो किस शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा यह बड़ा सवाल है.
संसदीय शब्द है नक्सलवादी!
रामेश्वर शर्मा ने मांग की है कि नक्सलवादी शब्द को भी असंसदीय शब्दों की सूची से हटाया जाए क्योंकि यह शब्द संसद के लोकसभा और राज्यसभा जैसे सर्वोच्च सदनों में भी इस्तेमाल किए जाते हैं. अब देखने वाली बात यह होगी कि शिवराज सिंह चौहान इस मांग पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं.
रवीश पाल सिंह