भारतरत्न और पूर्व प्रधानमंत्री और अटल बिहारी वाजपेयी का अस्थि कलश बुधवार को ग्वालियर पहुंचा. उनकी बेटी नमिता भट्टाचार्य विशेष विमान से अस्थि कलश ग्वालियर लेकर पहुंचीं.
अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म ग्वालियर में ही हुआ था, ऐसे में जब वो अस्थियों के रूप में शहर पहुंचे तो हर आंख नम थीं. एयरपोर्ट से लेकर फूलबाग मैदान तक करीब 17 किलोमीटर के सफर में सड़क के दोनों तरफ हजारों लोग हाथों में फूल लिए घंटों खड़े रहे और जैसे ही अस्थि कलश यात्रा उनके सामने पहुंची तो फूलों की बारिश कर उन्होंने वाजपेयी को श्रद्धासुमन अर्पित किएं.
अटल बिहारी बाजपेयी की अस्थि कलश यात्रा ग्वालियर एयरपोर्ट से पिंटो पार्क, गोला का मंदिर, रेलवे स्टेशन रोड, सिटी सेंटर, माधवनगर, चेतकपुरी, इंदरगंज, दाल बाजार, नया बाजार और शिंदे की छावनी से होते हुए फूलबाग मैदान में संपन्न हुई. जहां श्रद्धांजलि सभा रखी गई थी. अस्थि कलश यात्रा में सीएम शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हुए.
वाजपेयी की श्रद्धांजलि सभा में बोलते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अभी भी भरोसा नहीं हो रहा कि अटल जी अब नहीं रहे. हर पल ऐसा लगता है कि उनका हंसता हुआ चेहरा फिर सामने आएगा. अटल जी छोटे से छोटे कार्यकर्ताओं को जानते थे.
दूसरे शहरों से भी पहुंचे लोग
पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी की अस्थियों को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए सिर्फ ग्वालियर ही नहीं बल्कि दतिया, शिवपुरी, भिंड, श्योपुर और मुरैना तक से लोग आए थे. बुधवार को ग्वालियर में बारिश भी हुई, लेकिन बारिश के बावजूद लोगों ने भीगते हुए ग्वालियर के अलग-अलग इलाकों से गुजरने वाली अस्थि कलश यात्रा पर फूलों की बारिश की.
MP की इन नदियों में प्रवाहित होंगी अस्थियां
बीजेपी के मुताबिक अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियों को मध्य प्रदेश की 10 प्रमुख नदियों- नर्मदा, क्षिप्रा, ताप्ती, चंबल, सोन, बेतवा, पार्वती, सिंध, पेंच और केन में प्रवाहित किया जाएगा.
बता दें कि 19 अगस्त को उत्तराखंड के हरिद्वार में अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियों को प्रवाहित किया गया था. इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई बड़े नेता मौजूद थे.
विवेक पाठक / रवीश पाल सिंह