MP: कोरोना के इलाज पर किसान ने 8 महीने में खर्च किए 8 करोड़ रुपए, फिर भी नहीं बच सकी जान

रीवा के 50 साल के उन्नतशील किसान धर्मजय सिंह को अप्रैल 2021 में कोरोना हुआ था. उन्हें रीवा के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां जब आराम नहीं मिला तो उन्हें 18 मई को एयरलिफ्ट कर चेन्नई के अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. यहां उनका करीब 8 महीने इलाज चला. लेकिन धर्मजय सिंह की मंगलवार को मौत हो गई.

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प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो

विजय कुमार विश्वकर्मा

  • रीवा,
  • 13 जनवरी 2022,
  • अपडेटेड 9:42 AM IST
  • अप्रैल 2021 में कोरोना से संक्रमित हुए थे धर्मजय सिंह
  • 18 मई से चेन्नई के अपोलो अस्पताल में चल रहा इलाज

कहते है जीवन मृत्यु अकाट्य सत्य है, इंसान चाह कर भी कुछ नहीं कर सकता. ऐसा ही कुछ देखने को मिला मध्यप्रदेश के रीवा में. यहां एक उन्नतशील किसान 8 महीने तक कोरोना से जंग लड़ता रहा. इस दौरान इलाज पर उसने 8 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च भी कर दिए. लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी. 

रीवा के 50 साल के उन्नतशील किसान धर्मजय सिंह को अप्रैल 2021 में कोरोना हुआ था. उन्हें रीवा के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. यहां जब आराम नहीं मिला तो उन्हें 18 मई को एयरलिफ्ट कर चेन्नई के अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. यहां उनका करीब 8 महीने इलाज चला. लेकिन धर्मजय सिंह की मंगलवार को मौत हो गई. 8 महीने के इलाज में उनके 8 करोड़ रुपए से अधिक खर्च हो चुके थे.  
 
अपोलो हॉस्पिटल में देश के नामी डॉक्टरों के साथ लंदन के डॉक्टर धर्मजय का इलाज कर रहे थे. धर्मजय के फेफड़ों में संक्रमण काफी ज्यादा फैल गया था. अपोलो में फेफड़ो का इलाज चल रहा था, उसी दौरान उनकी किडनी फेल हो गई और ब्रेन हेमरेज हो गया. कोरोना संक्रमित होने के बाद धर्मजय का लगभग 254 दिन यानी 8 महीने से अधिक इलाज चला. धर्मजय सिंह रीवा हॉस्पिटल में भी कई दिनों तक वेंटिलेटर पर थे. इसके बाद अपोलो में एक्मो मशीन पर रखा गया था. अकेले इस मशीन का चार्ज एक दिन का 1 लाख रुपये से अधिक था. ऊपर से दवाइयों, डॉक्टर की फीस और अन्य खर्च मिलाकर लगभग 3 लाख रुपए रोजाना खर्च हो रहे थे. इसके लिए परिवार ने 50 एकड़ जमीन तक बेच डाली. 

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धर्मजय सिंह के फेफड़े 100% संक्रमित हो गए थे. फेफड़ों में संक्रमण के कारण एक्मो मशीन के माध्यम से उन्हें नई जिंदगी देने की कोशिश की जा रही थी. देश-विदेश के नामी डॉक्टरों ने इलाज किया. लंदन से डॉक्टर उनका इलाज करने अपोलो अस्पताल आ रहे थे. साथ ही अन्य देशों के डॉक्टरों की भी ऑनलाइन सलाह ली जा रही थी. लंदन के डॉक्टरों के कहने पर ही आठ माह तक एक्मो मशीन पर रखा गया था. वह पूरी तरह ठीक हो गए थे. लेकिन ब्रेन हेमरेज हो जाने से उनकी मौत हो गई. 

जमीदार धराने से ताल्लुक रखने वाले धर्मजय सिंह उन्नतशील किसान थे. तीन भाइयों के बीच हजार एकड़ से अधिक पुस्तैनी जमीन है. धर्मजय भाइयों में सबसे छोटे थे, बड़े भाई अधिवक्ता और समाजसेवी है, जबकि बीच वाले भाई चित्रकूट ग्रामोदय यूनिवर्सिटी में हैं. धर्मजय सिंह को राष्ट्रपति भी सम्मानित कर चुके हैं. धर्मजय सिंह ने स्ट्रॉबेरी और गुलाब की खेती को पहचान दिलाई थी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 26 जनवरी 2021 को मुख्य समारोह में सम्मानित किया था. धर्मजय कोरोना के दौरान समाजसेवा में लगे थे, उसी दौरान वह संक्रमित हुए थे.

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