झारखंड में लातेहार जिले के बरवाडीह प्रखंड के मंगरा रोड स्थित कल्याण विभाग द्वारा संचालित एकलव्य मॉडल विद्यालय में कक्षा 8 की तीन छात्राओं को काला जादू, झाड़- फूंक और तंत्र- विद्या करने के आरोप में स्कूल से निकाल दिए जाने का मामला गंभीर रूप लेता दिख रहा है. छात्राओं के नाम गोपनीय रखने के लिए रिणा, बिना और कविता (परिवर्तित नाम) बताया गया है. इनमें दो छात्राएं मंगरा की और एक कचनपुर की रहने वाली हैं.
स्कूल प्रबंधन का आरोप
स्कूल प्रबंधन ने दावा किया कि छात्राओं ने रात के समय हॉस्टल व महिला शिक्षा कर्मियों के कमरों के बाहर काले जादू से संबंधित गतिविधियां कीं. इसी आधार पर प्रिंसिपल और अन्य शिक्षकों ने उनके गार्जियन को बुलाकर बच्चियों को स्कूल छोड़ने का निर्देश दिया.
पेरेंट्स ने बताया -आरोप निराधार
बच्चियों के परिजनों ने कहा कि उन्हें स्कूल बुलाकर उनकी बच्चियों पर झाड़- फूंक और तंत्र–विद्या करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए, जबकि छात्राओं को ऐसी किसी गतिविधि की जानकारी तक नहीं है. परिजनों ने प्रिंसिपल से माफी भी मांगी और पढ़ाई जारी रखने का अनुरोध किया, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने उनकी बात नहीं मानी. परिजनों का कहना है कि बच्चियों को जबरन स्कूल से बाहर किया गया है.
बाल संरक्षण इकाई की जांच
मामला उजागर होने के बाद परिजनों ने इसकी शिकायत बाल संरक्षण इकाई से की. सोमवार को विभागीय टीम की सदस्य रूबी कुमारी विद्यालय पहुंचीं. उनके साथ छात्राओं के पेरेंट्स और सामाजिक कार्यकर्ता एवं कांग्रेसी नेता अवधेश मेहरा भी मौजूद थे.
शुरुआत में रूबी कुमारी को स्कूल में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई, लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना देने के बाद प्रिंसिपल ने उन्हें अंदर जाने दिया. जांच के बाद रूबी कुमारी ने बताया कि विद्यालय प्रबंधन द्वारा लगाए गए आरोपों का कोई प्रमाण नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि रेजिडेंशियल स्कूल में बच्चों के साथ इस तरह का व्यवहार अत्यंत दुखद है और यह कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण प्रतीत होती है.जांच रिपोर्ट विभाग को भेज दी गई है.
सत्यजीत कुमार