नक्सल समर्थित संगठनों पर डोरे डालने में जुटा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया

इंटेलिजेंस एजेंसी के मुताबिक झारखंड सरकार ने जब से पीएफआई और मजदूर संगठन समिति (माओवादी) पर प्रतिबंध लगाया है, तब से दोनों संगठन कई बैठक कर चुके हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि ये दोनों संगठन राज्य सरकार को निशाना बनाने में लगे हैं.

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पीएफआई पर प्रतिबंध पीएफआई पर प्रतिबंध

वरुण शैलेश / जितेंद्र बहादुर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 19 मई 2018,
  • अपडेटेड 11:24 AM IST

झारखंड में इसी साल पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई को राज्य सरकार ने सीएलए एक्ट के जरिये प्रतिबंधित कर दिया था. मगर इस संगठन की गतिविधियां जारी हैं. ''आजतक'' को मिली जानकारी के मुताबिक़ पीएफआई अब नक्सल समर्थित संगठनों के साथ गठजोड़ बनाने में जुटा हुआ है.

इंटेलिजेंस एजेंसी ने हाल ही में ऐसी ही एक खुफिया रिपोर्ट केंद्र सरकार के साथ साझा की है. रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड सरकार ने जब से पीएफआई और मजदूर संगठन समिति (माओवादी) पर प्रतिबंध लगाया है, तब से दोनों संगठन कई बैठक कर चुके हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि ये दोनों संगठन राज्य सरकार को निशाना बनाने में लगे हैं.

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इसी साल फरवरी में झारखंड सरकार ने प्रदेश में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया को प्रतिबंधित किया था. इस संगठन को सीएलए एक्ट 1908 की धारा 16 के तहत प्रतिबंधित किया गया है. इस विशेष शाखा ने पीएफआई की संदिग्ध गतिविधियों को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की थी.

पीएफआई का उदय मूल रूप से केरल राज्य से हुआ है. पीएफआई झारखंड के पाकुड़ जिले में काफी सक्रिय है. पुलिस मुख्यालय ने पिछले साल दिसंबर में गृह विभाग को पीएफआई को प्रतिबंधित करने संबंधी प्रस्ताव भेजा था.

विधि विभाग से ली कानूनी सलाह

विधि विभाग से कानूनी सलाह मिलने के बाद संगठन को प्रतिबंधित कर दिया गया. झारखंड पहला राज्य है, जहां पीएफआई को प्रतिबंधित किया गया है. राज्य सरकार की विशेष शाखा की रिपोर्ट के मुताबिक, 5 जुलाई 2017 को पाकुड़ में पीएफआई ने रैली निकाली थी. इस रैली में शामिल लोगों ने पाकुड़-दुमका रोड को नगर थाने के पास जामकर भाषण और नारेबाजी की. पीएफआई ने उस जुलूस को बगैर प्रशासनिक अनुमति निकाली गई थी. पुलिस ने जब जुलूस को रोकने की कोशिश की तब भीड़ ने धक्का-मुक्की, गाली-गलौज, पत्थरबाजी की.

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राज्य सरकार के मुताबिक, संगठन के सदस्य अंदरूनी तौर पर आईएसआईएस से प्रभावित हैं.राज्य के गृह विभाग की जांच में यह बात भी सामने आई थी कि पीएफआई के कुछ सदस्य गोपनीय तरीके से सीरिया जा चुके हैं. झारखंड पहला राज्य है जहां पीएफआई को प्रतिबंधित किया गया है.

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