मोमेंटम झारखंड पर विपक्ष ने उठाए सवाल, कहा- आदिवासियों की कीमत पर विकास नहीं

रांची में 16-17 फरवरी को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन होना है. इसके लिए पूरे शहर में साफ-सुथरी सड़के, दीवारों पर कलात्मक पेंटिंग्स, सुचारू ट्रैफिक व्यवस्था दिखाकर निवेश का न्योता दिया जाएगा. लेकिन पूरे रांची शहर पर ये 'महेरबानी' नहीं बरसी है.

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16-17 फरवरी को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 16-17 फरवरी को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट

धरमबीर सिन्हा

  • रांची,
  • 12 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 6:54 AM IST

झारखंड सरकार की ओर से रांची में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट यानि मोमेंटम झारखंड को सफल बनाने के लिए सरकारी खजाने के मुंह खोल दिए गए हैं. रांची शहर के चुनिंदा इलाकों को चमकाने के लिए सरकार, पानी की तरह पैसे बहा रही है. जिन इलाकों से होकर देशी और विदेशी मेहमानों को गुजरना है उसे होर्डिंग, बैनर और पोस्टरों से पाट दिया गया है. सरकार इस काम के लिए करीब चालीस करोड़ रुपए खर्च कर रही है. विपक्ष का आरोप है कि दो दिनों के कार्यक्रम के लिए विज्ञापनों में खर्च के मामले में रघुवर सरकार ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार को भी पीछे छोड़ दिया है.

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देसी-विदेशी मेहमानों की दस्तक

रांची में 16-17 फरवरी को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन होना है. इसके लिए पूरे शहर में साफ-सुथरी सड़के, दीवारों पर कलात्मक पेंटिंग्स, सुचारू ट्रैफिक व्यवस्था दिखाकर निवेश का न्योता दिया जाएगा. लेकिन पूरे रांची शहर पर ये 'महेरबानी' नहीं बरसी है. अन्य इलाकों में खस्ताहाल सड़कें, गन्दगी का अम्बार और ध्वस्त ट्रैफिक व्यवस्था जस की तस बनी हुई है. बहरहाल सरकार का दावा है कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिये झारखण्ड में करोड़ों रुपए का निवेश हो सकता. इसी वजह से झारखण्ड चेंबर ऑफ कॉमर्स मेहमानों के स्वागत के लिए तैयार है.

'हाथी उड़ा रही है सरकार'

सरकार के आयोजन पर सवाल उठाते हुए विपक्ष जबरन विकास दिखाने के मुद्दे पर सरकार से काफी खफा है. विपक्ष का कहना है कि झारखण्ड में विकास तो होना चाहिए लेकिन आदिवासियों और मूलवासियों की कीमत पर नहीं. गौरतलब है कि जमीन अधिग्रहण और CNT-SPT एक्ट पर संसोधन के मुद्दे पर दोनों पक्ष आर-पार की लड़ाई में भिड़े हैं. विपक्ष का कहना है की सरकार कॉरपोरेट के हांथों बिक चुकी है और अब तो सरकार हाथी उड़ा रही है.

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झारखण्ड सरकार दावा कर रही है कि कार्यक्रम से राज्य में निवेश बढ़ेगा और अबतक बदहाली में गुजर बसर कर रहे झारखंडवासियों के अच्छे दिनों का सपना साकार हो जायेगा.

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