कफ सिरप पीने के बाद एक और मौत, कोडरमा में डेढ़ साल की बच्ची ने तोड़ा दम

झारखंड के कोडरमा जिले में कफ सिरप पीने के बाद डेढ़ साल की बच्ची रागिनी कुमारी की मौत हो गई. परिजनों ने दवा स्थानीय मेडिकल स्टोर से खरीदी थी. स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है और ड्रग इंस्पेक्टर को भी तलब किया गया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मौत की वजह साफ होगी.

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कफ सिरप पीने के बाद झारखंड में बच्ची की मौत (Photo: Representational ) कफ सिरप पीने के बाद झारखंड में बच्ची की मौत (Photo: Representational )

aajtak.in

  • कोडरमा,
  • 21 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:38 PM IST

झारखंड के कोडरमा में एक बेहद दुखद और हैरान करने वाला मामला सामने आया है. कफ सिरप पीने के बाद डेढ़ साल की एक बच्ची की मौत हो गई. घटना शनिवार देर शाम कोडरमा थाना क्षेत्र के लोकाई भुइयां टोला की बताई जा रही है. इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन में हड़कंप मच गया है.

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक मृत बच्ची की पहचान रागिनी कुमार के रूप में हुई है. परिजनों के अनुसार, बच्ची को सर्दी-खांसी की शिकायत थी, जिसके बाद परिवार ने स्थानीय इलाके की एक निजी मेडिकल दुकान से कफ सिरप खरीदा था. सिरप सेवन के कुछ समय बाद ही बच्ची की तबीयत बिगड़ने लगी. परिजन उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाने की तैयारी कर ही रहे थे कि उसकी हालत गंभीर हो गई और उसने दम तोड़ दिया.

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कफ सिरप पीने के बाद बच्ची की हालत बिगड़ी

घटना की जानकारी मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है. कोडरमा के सिविल सर्जन अनिल कुमार ने बताया कि बच्ची की मौत की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को मिल चुकी है और पूरे मामले की जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट किया जाएगा कि बच्ची की मौत कफ सिरप के कारण हुई या इसके पीछे कोई अन्य वजह है.

स्थानीय मेडिकल स्टोर से खरीदी गई थी दवा

सिविल सर्जन ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए ड्रग इंस्पेक्टर को भी सूचित कर दिया गया है. ड्रग इंस्पेक्टर को सोमवार को बुलाया गया है, जो संबंधित मेडिकल दुकान, दवा की गुणवत्ता, बैच नंबर और एक्सपायरी से जुड़ी जानकारी की जांच करेगा. यदि दवा में किसी तरह की गड़बड़ी पाई जाती है, तो संबंधित मेडिकल स्टोर और दवा कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद खुलेगा सच

स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर गहरी चिंता और आक्रोश देखा जा रहा है. लोगों का कहना है कि छोटी बच्चियों और बच्चों को दी जाने वाली दवाओं की गुणवत्ता और बिक्री पर कड़ी निगरानी होनी चाहिए. इससे पहले भी देश के अलग-अलग हिस्सों से घटिया या संदिग्ध दवाओं के कारण बच्चों की तबीयत बिगड़ने और मौत के मामले सामने आते रहे हैं.

फिलहाल पुलिस और स्वास्थ्य विभाग दोनों ही स्तर पर मामले की जांच चल रही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सही कारणों का खुलासा हो पाएगा.

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