ढाई साल बाद काम सीखने IIM अहमदाबाद गए झारखंड के मंत्री

बीजेपी के प्रदेश महामंत्री दीपक प्रकाश का कहना है कि इस स्टडी टूर में मंत्री सरकारी योजनाओं को जमीन पर उतारने का गुर सीखेंगे. जिससे आम जनता को लाभ पहुंचाया जा सके.

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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

धरमबीर सिन्हा

  • रांची,
  • 27 जून 2017,
  • अपडेटेड 6:46 PM IST

झारखंड में रघुवर सरकार की लगभग पूरी कैबिनेट इन दिनों स्टडी टूर पर हैं. सरकार की मानें तो आईआईएम अहमदाबाद में प्रशिक्षण के बाद मंत्री सरकारी योजनाओ को सही तरीके से धरातल पर उतार सकेंगे. साथ ही मंत्री महोदय गुड गवर्नेंस, इथिक्स इन गवर्नेंस तथा सरकारी योजनाओं में मैनेजमेंट कंट्रोल सिस्टम आदि का पाठ भी पढ़ेंगे. हालांकि विपक्ष इसे सरकारी पैसों की बर्बादी बता रहा है.

रांची स्थित राज्य सचिवालय में मंत्रियों के कमरे में ताले लटके हैं. ये ताले यह बता रहे हैं कि मंत्री जी बाहर हैं. दरअसल कैबिनेट के एक, दो नहीं बल्कि दस में से नौ मंत्री इन दिनों गुड गवर्नेंस का पाठ पढ़ने अहमदाबाद में हैं. यह प्रशिक्षण 29 जून तक चलेगा. मंत्रियों के जत्थे में खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री सरयू राय, नगर विकास एवं आवास मंत्री सीपी सिंह, ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार मंत्री अमर कुमार बाउरी, कल्याण मंत्री लुइस मरांडी, स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी, शिक्षा मंत्री नीरा यादव, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी तथा श्रम मंत्री राज पालिवार शामिल हैं.

बीजेपी के प्रदेश महामंत्री दीपक प्रकाश का कहना है कि इस स्टडी टूर में मंत्री सरकारी योजनाओं को जमीन पर उतारने का गुर सीखेंगे. जिससे आम जनता को लाभ पहुंचाया जा सके.

वहीं विपक्ष इसे सरकारी पैसों की बर्बादी बता रहा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता सुबोधकांत का कहना है कि सरकार हर चीज में गुजरात मॉडल को अपना रही है जो वास्तव में एक फेल्योर है. साथ ही साथ वे सवाल भी उठाते हैं कि जब रांची में ही आईआईएम की शाखा है तो अहमदाबाद जाने का क्या मतलब है.

रघुवर सरकार को सत्ता में आए लगभग ढाई साल हो चुके हैं. लेकिन चुनाव के समय जनता से किए अधिकतर वादों पर अभी तक अमल भी शुरू नहीं हुआ है. ऐसे में राज्य सरकार अब अपने मंत्रियों को मैनेजमेंट का गुर सीखा रही है ताकि योजनाओं का क्रियान्वन बेहतर तरीके से हो सके. हालांकि ये तो समय ही बताएगा कि क्या वास्तव में मंत्रियों को दिए जा रहे इस प्रशिक्षण का लाभ आम जनता को कितना मिल पाएगा.

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