झारखंड: हेमंत सोरेन पर SC के फैसले से पहले आज विधायकों की बैठक, कांग्रेस MLAs को रांची में रहने के निर्देश

सुप्रीम कोर्ट का फैसला सीएम हेमंत सोरेन के पक्ष में आता है या नहीं, इसको लेकर महागठबंधन दलों के विधायकों की धड़कनें तेज हो गई हैं. कांग्रेस के विधायकों को निर्देश दिया गया है कि अगले कुछ दिनों तक सभी विधायक रांची के आसपास रहें. इसके अलावा सीएम हाउस में आज सत्तासीन दलों की मीटिंग भी रखी गई है.

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (फाइल फोटो) मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (फाइल फोटो)

सत्यजीत कुमार

  • रांची,
  • 20 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 7:32 AM IST

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पद पर रहते हुए अपने नाम से माइनिंग लीज आवंटित करवाई थी. इस मामले में निर्वाचन आयोग में सुनवाई पूरी हो चुकी है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने भी सोरेन के खिलाफ दायर जनहित याचिका (PIL) पर फैसला सुरक्षित रख कर लिया है. इस पर कभी भी फैसला आ सकता है. इसके बाद से राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है. अगर फैसला हेमंत सोरेन के पक्ष में नहीं आया तो ऐसी स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं. आज महागठबंधन विधायक दल की बैठक बुलाई गई है. वहीं कांग्रेस के विधायकों को भी कुछ दिन तक रांची के आस-पास रहने के निर्देश दिए गए हैं. 

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हेमंत सोरेन ने माइंस मिनिस्टर रहते हुए एक स्टोन Quarry माइंस लीज अपने नाम से आवंटित करवाई थी. इसकी शिकायत बीजेपी ने राज्यपाल से की थी. बीजेपी का आरोप था कि ये ऑफिस ऑफ प्रोफिट और पीपल रिप्रजेंटेटिव एक्ट, 1951 के 9A प्रावधान का उल्लंघन है. उधर सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट में चल रहे मामले में रोक लगा दी थी, लेकिन इस पर शीर्ष अदालत ने खुद सुनवाई की और अब इस मामले में फैसला सुरक्षित कर लिया.  

सुप्रीम कोर्ट का फैसला हेमंत सोरेन के पक्ष में आता है या नहीं, इसको लेकर महागठबंधन विधायकों की धड़कनें तेज हो गई हैं. कांग्रेस विधायकों को निर्देश दिया गया है कि अगले कुछ दिनों तक सभी विधायक रांची के आसपास रहें. इसके अलावा सीएम हाउस में आज सत्तासीन दलों की मीटिंग भी रखी गई है. इस मुद्दे पर जब कांग्रेस कोटे से मंत्री बन्ना गुप्ता और जेएमएम कोटे से पेयजल विभाग मंत्री मिथिलेश ठाकुर से सवाल पूछा गया तो उन्होंने इसे रूटीन बैठक बताया.  

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सरकार गिराने के लिए दर्ज हो चुकी हैं FIR 

हालांकि जेएमएम के राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने साफ कहा है कि लगातार अलग-अलग तंत्र के जरिए बीजेपी उन राज्यों में सरकार गिराने की कोशिश कर रही है, जहां विपक्षी दलों की सरकार है. महाराष्ट्र में उसने ऐसा कर लिया है, जबकि झारखंड पर उसकी नजर है. यहां तीन विधायकों की गिरफ्तारी भी हुई है. झारखंड सरकार को गिराने की साजिश 2 बार की जा चुकी है, इसको लेकर एफआईआर भी दर्ज है. ऐसे में विधायकों को और भी सतर्क रहने की जरूरत है. 

सरकार के समर्थन में 52 विधायक 

यहां कांग्रेस के पास फिलहाल 18 विधायक हैं, जिनमें 3 जेल में हैं यानि 15 विधायक हैं. इसके अलावा जेएमएम के पास 30, राजद के पास 1, सीपीआईएमएल के पास 1, एनसीपी के पास 1 और सरयू राय भी सरकार के समर्थन में हैं. यानी कुल 81 में से फिलहाल 52 सरकार के पाले में हैं, जबकि 26 विधायक बीजेपी के हैं, जिनमें 1 बीमार हैं. वहीं 2 आजसू के पास हैं. अमित मंडल निर्दलीय भी बीजेपी के पाले में हैं यानी 29 विधायक विपक्ष में हैं. 

 

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