झारखंड भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा ने विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. लक्ष्मण गिलुआ चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के बाद यह इस्तीफा दिया है. दरअसल झारखंड में बीजेपी के दिग्गज नेताओं के साथ-साथ लक्ष्मण गिलुवा भी अपनी विधानसभा सीट नहीं बचाने में सफल नहीं हो सके थे. इस चुनाव में मंत्रियों के साथ-साथ खुद मुख्यमंत्री रघुवर दास भी अपनी विधानसभा सीट नहीं बचा सके थे.
चल रही है हेमंत के शपथ की तैयारी
गौरतलब है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो)-कांग्रेस-राष्ट्रीय जनता दल (राजद) गठबंधन को झारखंड विधानसभा चुनाव में स्पष्ट जनादेश मिला है. भाजपा यह चुनाव हार चुकी है. जिसके बाद अब झामुमो नेता हेमंत सोरेन के शपथ की तैयारियां चल रही हैं.
राहुल गांधी और सोनिया गांधी से हेमंत सोरेन ने की मुलाकात
हेमंत सोरेन ने बुधवार को सोनिया गांधी के दस जनपथ स्थित आधिकारिक निवास पर मुलाकात की. हेमंत सोरेन ने सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का न्योता दिया. गौरतलब है कि झारखंड विधानसभा चुनावों में मिली शानदार जीत के बाद अब हेमंत सोरेन 29 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. ऐसे में तीनों नेताओं से मिलकर उन्हें शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का न्योता दिया.
हेमंत सोरेन ने कहा कि हमने सरकार बनाने का प्रस्ताव पहले ही राज्यपाल को दे दिया है. राज्यपाल ने हमें 29 दिसंबर को शपथ ग्रहण करने का समय दिया है. मैं यहां सोनिया गांधी और राहुल गांधी को शपथ ग्रहण में शामिल होने का न्योता देने आया था. उन्होंने हमसे वादा किया कि वे आएंगे.
निराशाजनक रहा बीजेपी का प्रदर्शन
आपको बता दें कि पूरे चुनाव प्रचार के दौरान रघुवर दास पूर्ण विश्वास दिखाते रहे और अबकी बार 65 पार का नारा लगाते रहे. चुनावी नतीजों के बाद मुख्यमंत्री के दावे सिफर साबित हुए और झारखंड में बीजेपी 65 से आधी सीटें भी नहीं ला पाई, बल्कि एक तिहाई सीटों पर सिमट गई. इन चुनावों में बीजेपी को सिर्फ 25 सीटें मिलीं. पिछली बार 2014 में हुए बीजेपी ने 72 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 37 सीटें पर जीत हासिल की थी.
सबसे बड़ी पार्टी बनी जेएमएम
अकेले झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) को 30 सीटों पर जीत मिली और राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, हालांकि बीजेपी की तरह जेएमएम भी एकल पार्टी के रूप में बहुमत हासिल करने का सपना पूरा नहीं कर सकी. जेएमएम की सहयोगी कांग्रेस पार्टी के खाते में 16 और राष्ट्रीय जनता दल के खाते में 1 सीट आई.
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