1 करोड़ के इनामी सहदेव सोरेन समेत तीन टॉप माओवादी ढेर, AK-47 बरामद, झारखंड पुलिस का सबसे बड़ा ऑपरेशन

हजारीबाग में सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ में 1 करोड़ के इनामी सहदेव सोरेन समेत तीन टॉप नक्सली मारे गए. रघुनाथ हेम्ब्रम और बिर्सेन गंजू भी ढेर हुए. मुठभेड़ में दो जवान घायल हुए, जो खतरे से बाहर हैं. मौके से तीन AK-47 बरामद हुईं हैं. डीजीपी ने इसे पुलिस की बड़ी उपलब्धि बताया है.

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मुठभेड़ में दो जवान घायल हुए.(Photo: Representational) मुठभेड़ में दो जवान घायल हुए.(Photo: Representational)

aajtak.in

  • हजारीबाग,
  • 15 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:04 PM IST

झारखंड के हजारीबाग के पंतीत्री जंगल में सोमवार सुबह सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच हुई मुठभेड़ में तीन माओवादी मारे गए. इनमें से एक माओवादी सहदेव सोरेन था, जिस पर 1 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था. मुठभेड़ में दो सुरक्षा कर्मी भी घायल हुए हैं, लेकिन उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है.

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह मुठभेड़ हजारीबाग जिले के गोरहर थाना क्षेत्र के पंतीत्री जंगल में सुबह 6 बजे हुई. सुरक्षा बलों और माओवादी समूह, जिसका नेतृत्व सहदेव सोरेन कर रहे थे, के बीच जबरदस्त गोलीबारी हुई. मुठभेड़ के दौरान सहदेव सोरेन के साथ दो अन्य माओवादी, रघुनाथ हेम्ब्रम और बिर्सेन गंजू भी मारे गए. रघुनाथ हेम्ब्रम पर 25 लाख रुपये और बिर्सेन गंजू पर 10 लाख रुपये का इनाम था.

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झारखंड पुलिस के आईजी (ऑपरेशन) माइकल राज एस ने बताया कि सहदेव सोरेन, जिसे प्रवेश के नाम से भी जाना जाता था, CPI (माओवादी) का केंद्रीय समिति सदस्य था. रघुनाथ हेम्ब्रम विशेष क्षेत्र समिति का सदस्य और बिर्सेन गंजू जोनल समिति का सदस्य था. मुठभेड़ स्थल से तीन AK-47 राइफलें और 63 कारतूस बरामद किए गए.

पुलिस ने बताया कि सहदेव सोरेन पर 30, रघुनाथ पर 58 और बिर्सेन पर 36 आपराधिक मामले दर्ज थे. सुरक्षा बलों ने सूचना के आधार पर कोबरा, हजारीबाग और गिरिडीह पुलिस की संयुक्त टीम के साथ अभियान चलाया. माओवादी जब सुरक्षाबलों को देखे, तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी. गोलीबारी में तीन माओवादी ढेर हो गए.

20 नक्सली कर चुके हैं आत्मसमर्पण

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झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने हजारीबाग का दौरा कर इसे राज्य पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि बताया. उन्होंने कहा कि मृत माओवादी कई गंभीर अपराधों में शामिल थे, जिनमें दर्जनों पुलिसकर्मियों की हत्या, विपक्षी नेता बाबूलाल मरांडी के बेटे की हत्या और 183 राइफलें लूटना शामिल है. डीजीपी ने कहा कि इस मुठभेड़ के बाद बोकारो रेंज में नक्सलवाद पूरी तरह समाप्त हो गया है. झारखंड में सरांदा क्षेत्र में अभी भी कुछ माओवादी सक्रिय हैं और उनके खिलाफ अभियान जारी है. जनवरी 1 से अब तक 29 नक्सली मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं, जिनमें 21 CPI (माओवादी), 2 TSPC, 5 JJMP और 1 PLFI का था. इसके अलावा 20 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं और 16 को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है.

डीजीपी ने बताया कि बोकारो जिले के लुगु और झुमरा तथा गिरिडीह जिले के परसनाथ क्षेत्र अब माओवादी प्रभुत्व से मुक्त हो गए हैं. यह झारखंड में पिछले दो दिनों में दूसरी मुठभेड़ है. रविवार को पलामू जिले में TSPC के उप-क्षेत्रीय कमांडर मुंखदेव यादव alias तूफान जी मुठभेड़ में मारे गए थे. सुरक्षाबलों की सतत कार्रवाइयों और संयुक्त ऑपरेशन के बाद राज्य में माओवादी गतिविधियों को कमजोर करने में सफलता मिली है. डीजीपी ने माओवादी समूहों से चेतावनी दी है कि वे आत्मसमर्पण करें या परिणाम भुगतें.

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