शहीद कमांडेंट ने पत्नी से कहा था- देखना एक दिन मुझे शौर्य चक्र मिलेगा... बेटी का ख्याल रखना

शहीद कमांडेंट मूल रूप से बिहार के बख्तियारपुर के रहने वाले थे. उनका जन्म 15 अक्टूबर 1972 को हुआ था. उनके पिता रेलवे के कर्मचारी थे. प्रमोद कुमार का लालन-पालन जामताड़ा में हुआ.

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शहीद कमांडेंट प्रमोद कुमार शहीद कमांडेंट प्रमोद कुमार

लव रघुवंशी / धरमबीर सिन्हा

  • नई दिल्ली,
  • 16 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 12:02 AM IST

श्रीनगर के नौहट्टा चौक में सोमवार को हुए आतंकी हमले में आतंकियों का मुकाबला करते एक और वीर ने अपनी शहादत दे दी. देश के 70वें स्वाधीनता दिवस के दिन शहीद हुए सीआरपीएफ के कमांडेंट प्रमोद कुमार जामताड़ा जिले के मिहिजाम के रहनेवाले थे. शहीद कमांडेंट का पार्थिव शरीर मंगलवार को उनके आवास पर पहुंचा.

गौरतलब है कि हमले से पहले उन्होंने इंडिपेंडेंस डे परेड की सलामी ली. जिसमें उन्होंने जवानों को संबोधित करते हुए कहा था कि हमारी जिम्मेदारियां काफी बढ़ गई हैं. मुख्य चुनौती आतंकवाद और पत्थरबाज हैं? इनसे डट कर मुकाबला करना है और हम करेंगे. ये आपकी कड़ी मेहनत से संभव है और इसे पूरी लगन से करना होगा.

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शहीद कमांडेंट प्रमोद को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. इस मौके पर उमरे जनसैलाब ने नम आंखों से कश्मीर में शहीद हुए कमांडेंट को अंतिम विदाई दी. प्रमोद कुमार को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए झारखंड के जामताड़ा में सुबह से ही लाग जुट गए थे. शहीद सीआरपीएफ कमांडेंट को उनकी 6 साल की बेटी ने अपना अंतिम सलाम किया.

कौन थे प्रमोद कुमार
शहीद कमांडेंट मूल रूप से बिहार के बख्तियारपुर के रहने वाले थे. उनका जन्म 15 अक्टूबर 1972 को हुआ था. उनके पिता रेलवे के कर्मचारी थे. प्रमोद कुमार का लालन-पालन जामताड़ा में हुआ. परिवार में उनके माता-पिता, पत्नी व 6 साल की एक बेटी है. शहीद कमांडेंट एक जनवरी 1998 को सीआरपीएफ में शामिल हुए थे. वे प्रधानमंत्री की सुरक्षा में तैनात एसपीजी में भी 2011 ले लेकर 2014 तक रह चुके थे. पिछले 12 जुलाई को ही उनका कमांडेंट के पद पर प्रमोशन हुआ था और अब श्रीनगर से ट्रांसफर होने वाला था.

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पत्नी से अंतिम बार हुई बात में भी झलका था देशप्रेम
शहीद कमांडेंट प्रमोद कुमार ने आखिरी बार घटना से पहले की रात अपनी पत्नी नेहा त्रिपाठी से बातचीत की थी. उन्होंने कहा था कि देश उनके लिए मां है और वो इसके लिए शहीद होने से परहेज नहीं करेंगे. देश की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएंगे. उन्होंने अपनी पत्नी को कहा था कि देखना एक दिन मुझे शौर्य चक्र मिलेगा. शहीद कमांडेंट की पत्नी इंजीनियर है. बातचीत के दौरान उन्होंने बेटी आरना के डांस वीडियो का जिक्र करते हुए कहा था कि इस छोटी सी उम्र में वो अच्छा डांस कर लेती है. उसका ख्याल रखना.

राजकीय सम्मान के साथ शहीद की अंतिम विदाई
शहीद कमांडेंट के अंतिम संस्कार में कृषि मंत्री रणधीर कुमार सिंह ने राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व किया. अंतिम संस्कार में सीआरपीएफ के डीजी दुर्गा प्रसाद भी शामिल हुए. अपने सपूत की अंतिम विदाई में पूरा शहर उमड़ पड़ा था. शोकाकुल लोग शहीद प्रमोद कुमार अमर रहे जैसे नारे लगा रहे थे.

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