जाकिर मूसा के पिता ने उगला जहर, कहा- 'मुजाहिद' अल्लाह के लिए लड़ रहे

जाकिर मूसा के पिता अब्दुल रशीद भट ने मूसा की तरफदारी करते सरकार के खिलाफ बयान दिया है. पेशे से सरकारी कर्मचारी अब्दुल रशीद भट ने कहा कि सभी मुजाहिदअल्लाह के लिए लड़ रहे हैं.

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जाकिर राशिद भट्ट उर्फ जाकिर मूसा (फाइल फोटो) जाकिर राशिद भट्ट उर्फ जाकिर मूसा (फाइल फोटो)

कमलजीत संधू

  • श्रीनगर,
  • 29 मई 2019,
  • अपडेटेड 1:08 PM IST

आतंकी संगठन अंसार गजवात-उल-हिंद प्रमुख जाकिर राशिद भट उर्फ जाकिर मूसा को बीते दिनों एनकाउंटर में मार गिराया गया. अब उसके पिता अब्दुल रशीद भट ने मूसा की तरफदारी करते हुए सरकार के खिलाफ बयान दिया है. पेशे से सरकारी कर्मचारी अब्दुल रशीद भट ने कहा कि सभी 'मुजाहिद' अल्लाह के लिए लड़ रहे हैं.

जाकिर मूसा के पिता रशीद भट ने कहा कि सभी 'मुजाहिद' अल्लाह के लिए लड़ रहे हैं और उन्हें एकजुट होना चाहिए. मूसा ने इस तथाकथित 'आजादी' के लिए कभी संघर्ष नहीं किया. उसने खलीफा के लिए लड़ाई लड़ी. वह जिहाद का सिपाही था और उसका घोषित उद्देश्य ग़ज़वा-ए-हिंद था.

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अब्दुल राशिद भट ने कहा कि हमें आपस में लड़ना नहीं चाहिए और एकजुट रहना चाहिए. हमारे दुश्मन हमेशा हमें बांटने के अवसरों का इंतजार करते हैं. हम पहले ही संप्रदायों में विभाजित हो चुके हैं और अब हम संगठनों की तर्ज पर विभाजित हो जाएंगे. उग्रवाद का रास्ता अपनाने वाले उग्रवादी हमारे लिए सबसे प्रिय हैं. उनका संगठन ज्यादा मायने नहीं रखता. वह अल्लाह के रास्ते के लिए निकल पड़े हैं.

मूसा के पिता के इस बयान के बाद जम्मू और कश्मीर के पूर्व डीजीपी शैष पाल वैध ने कहा, 'आप इस बयान से समझ सकते हैं कि मारे गए आतंकवादियों के माता-पिता क्या सोचते हैं. आप कश्मीरी समाज में व्याप्त अस्वस्था की कल्पना कर सकते हैं. कुछ गंभीर रूप से गलत है.'

कौन था जाकिर मूसा

2003 में चंडीगढ़ में एक इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ने वाला जाकिर मूसा अपनी पढ़ाई बीच में ही छोडकर गायब हो गया. कुछ हफ्ते बाद मूसा आतंकी बनकर कश्मीर लौटा और युवा कश्मीरी आतंकियों की नुमाइंदगी करता था. शुरुआत में उसने हिजबुल जॉइन किया, लेकिन विवाद के बाद उसने अंसार गजवात-उल-हिंद नाम का एक आतंकी संगठन बना लिया.

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बुरहान वानी का था उत्तराधिकारी

कई रिपोर्ट में जाकिर मूसा को बुरहान वानी का उत्तराधिकारी बताया जाता था. कश्मीर में आजादी की दुहाई देते हुए मूसा सोशल मीडिया पर खूब वीडियो और ऑडियो प्रचारित करता था. अपनी इस लड़ाई को जाकिर मूसा धर्म से जोड़ता रहा था. उसने अपने इस पूरे अभियान को शरीयत-ए-शहादत यानी कि शरीयत के लिए शहादत का नाम दिया था.

23 मई को एनकाउंटर में मारा गया मूसा

जाकिर मूसा सुरक्षा बलों की हिट लिस्ट में बहुत पहले से शामिल था. सेना ने एनकाउंटर में उसके कई साथियों को मार गिराया था, लेकिन लंबे समय तक वो सुरक्षाबलों के हाथ में नहीं आया. आखिरकार 23 मई को सेना ने आतंक के इस आका का खात्मा कर दिया.

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