जम्मू और कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती के तिरंगे को लेकर दिए बयान पर विवाद बढ़ता जा रहा है. जम्मू में पीडीपी के दफ्तर पर कुछ युवाओं ने तिरंगा फहराया है. वहीं, पीडीपी का दावा है कि जम्मू में उसके दफ्तर पर हमला किया गया है.
पीडीपी के नेता फिरदौस तक ने ट्वीट किया कि पीडीपी के जम्मू स्थित दफ्तर पर हमला किया गया है. उन्होंने कहा कि कुछ दक्षिणपंथियों ने अंदर घुसकर मुझ पर शारीरिक हमला भी किया.
फिरदौस ने कहा कि भीड़ हमारे ऑफिस में घुसी, कुछ लोगों को पीटा भी. वह तिरंगे को लगाना चाहते थे. उन्होंने हमें अपशब्द भी कहे. उनकी पहचान नहीं हो सकी है, लेकिन वह दक्षिणपंथी संगठन से ही जुडे लोग थे.
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महबूबा मुफ्ती ने क्या कहा था
बता दें कि महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को ऐलान किया कि मैं जम्मू-कश्मीर के अलावा दूसरा कोई झंडा नहीं उठाऊंगी. महबूबा मुफ्ती ने कहा कि जिस वक्त हमारा ये झंडा वापस आएगा, हम उस (तिरंगा) झंडे को भी उठा लेंगे. मगर जब तक हमारा अपना झंडा, जिसे डाकुओं ने डाके में ले लिया है, तब तक हम किसी और झंडे को हाथ में नहीं उठाएंगे. पूर्व सीएम ने कहा कि वो झंडा हमारे आईन का हिस्सा है, हमारा झंडा तो ये है. उस झंडे से हमारा रिश्ता इस झंडे ने बनाया है.
महबूबा मुफ्ती के इस बयान का विरोध हो रहा है. वो बीजेपी के निशाने पर हैं. उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहसिन रजा ने उन्हें पाकिस्तान जाने की सलाह दी है. मोहसिन रजा ने कहा है कि महबूबा मुफ्ती पाकिस्तान चली जाएं.
वहीं, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि मुफ्ती एक मुख्यधारा की राजनीतिज्ञ होने का दावा करती हैं लेकिन उन्हें तिरंगा उठाने में दिक्कत है. हमने पिछले कई वर्षों में देखा है कि कश्मीर के तथाकथित राजनेता कभी-कभी अलगाववादियों की तुलना में अधिक खतरनाक होते हैं.
अशरफ वानी