सियाचिन में बर्फीले तूफान के बाद एक आर्मी जवान लापता, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

जम्मू-कश्मीर के सियाचिन में आए बर्फीले तूफान की मार एक बार फिर सेना पर पड़ी है. बर्फीले तूफान में दो जवान दब गए थे. एक जवान को बचा लिया गया है लेकिन एक जवान लापता है. बचाए गए जवान की हालत गंभीर है.

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शुजा उल हक / रोहित गुप्ता

  • श्रीनगर,
  • 25 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 10:10 PM IST

जम्मू-कश्मीर के सियाचिन में आए बर्फीले तूफान की मार एक बार फिर सेना पर पड़ी है. बर्फीले तूफान में दो जवान दब गए थे. एक जवान को निकाल लिया गया था लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका. एक अन्य जवान लापता है. उसती तलाश के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.

सेना की उत्तरी कमान के प्रवक्ता कर्नल एस. डी. गोस्वामी ने बताया, 'हिमस्खलन की चपेट में दो सैनिक आए थे. दोनों बर्फ में दब गए थे. इनमें से लांस नायक भवन तमांग को बचाव दल ने ढूंढ़ निकाला. गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. लांस नायक भवन तमांग पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग तहसील के लोपसु गांव के रहनेवाले थे. वहीं, दूसरे सैनिक को ढूंढ़ने की कोशिश जारी है.'

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पिछले हफ्ते बर्फीले तूफान में मारे गए थे विजय कुमार
17 मार्च को करगिल में हिमस्खलन की चपेट में विजय कुमार नाम के सेना के जवान लापता हो गए थे, जिनका शव रविवार को बरामद किया था. वे हल्के भूकंप के बाद आए हिमस्खलन में लापता हो गए थे. इस घटना के बाद से ही उनकी खोज में बचाव अभियान चलाया गया था. रेस्क्यू ऑपरेशन के तीसरे दिन विजय का शव 12 फीट बर्फ के नीचे मिला था. 17,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित आर्मी पोस्ट के दो जवान हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे. इनमें से एक को पहले ही बचा लिया गया था.

सियाचिन की बर्फ ने ली थी 10 जवानों की जान
इससे पहले फरवरी में सियाचिन में आए एक हिमस्खलन में फंसकर सेना के 10 जवानों की मौत हो गई थी. रेस्क्यू के बाद लांसनायक हनुमंतप्पा को 6 दिनों बाद 25 फीट बर्फ के नीचे से जिंदा निकाला गया था. लेकिन बाद में उनकी मौत हो गई थी.

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