कश्मीर हिंसा में 21 की मौत, श्रीनगर में 11 जगहों पर कर्फ्यू, जम्मू से अमरनाथ यात्रा पर आज भी रोक

सभी अलगाववादी नेताओं को या तो घर में नजरबंद रखा गया है या हिरासत में लिया गया है. अमरनाथ यात्रा को पहले ही स्थगित किया जा चुका है.

Advertisement
150 से ज्यादा लोग घायल 150 से ज्यादा लोग घायल

लव रघुवंशी / अशरफ वानी

  • श्रीनगर,
  • 10 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 9:04 AM IST

हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर घाटी में पैदा हुई तनावपूर्ण स्थिति अभी भी बनी हुई है. विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में एक पुलिसकर्मी समेत छह और लोग मारे गए. मरने वालों की संख्या 21 हो गई है. जबकि 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिसमें 96 सुरक्षाकर्मी हैं. घाटी में कर्फ्यू जैसी पाबंदी लागू है और मोबाइल इंटरनेट सेवाएं स्थगित  हैं.

Advertisement

रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री ने राज्य के हालातों पर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई. बैठक में गृह सचिव, संयुक्त सचिव (कश्मीर डिवीजन), आईबी चीफ और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी इस बैठक में शामिल हुए. हिंसा के कारण ही राजनाथ सिंह ने रविवार को अपना जन्मदिन मनाने से इनकार कर दिया.

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि रोकी गई अमरनाथ यात्रा को जल्द बहाल करवाने की कोशिश की जा रही है. वहीं तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा के लिए गुजरात और तेलंगाना सहित कई राज्यों के डीजीपी ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से बातचीत की है.

गृह सचिव राजीव महर्षि ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में हालात काबू में हैं. कैबिनेट ने हुर्रियत कांफ्रेंस सहित सभी अलगाववादियों और नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस और सीपीएम जैसी मुख्यधारा की पार्टियों से अपील की है कि वे राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने में मदद करें.

Advertisement

भीड़ ने एक पुलिस वाहन को झेलम में ढकेला, एक पुलिसकर्मी की मौत
प्रदर्शन के दौरान भीड़ द्वारा मोबाइल बंकर वाहन को झेलम नदी में धकेल दिए जाने के कारण एक पुलिस ड्राइवर की मौत हो गयी जबकि कल एक थाने पर भीड़ के हमले के बाद लापता हुए तीन पुलिसकर्मियों का अबतक कुछ पता नहीं चला है. एक पुलिस अधिकारी के अनुसार एक अन्य घटना में कल रात पुलवामा जिले के त्राल में एक हेड कांस्टेबल के दोनों पैरों में आतंकवादियों ने गोली मार दी.

कर्फ्यू के साथ इंटरनेट सेवा भी ठप
इस बीच अनंतनाग, शोपियां, कुलगाम, काजीगुंड और श्रीनगर के 11 पुलिस थानों में कर्फ्यू लगा हुआ है. सभी अलगाववादी नेताओं को या तो घर में नजरबंद रखा गया है या हिरासत में लिया गया है. अमरनाथ यात्रा को पहले ही स्थगित किया जा चुका है. कश्मीर में कानून और व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली से अतिरिक्त फोर्स को बुलाया गया है. अधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक की स्थिति में सुधार नहीं होगा, तब तक इंटरनेट की सेवा चालू नहीं होगी.

सीएम ने जताया दुख
एक लड़के की झेलम में कूदने से मौत हो गई. पुलिस द्वारा उसका पीछा किया गया था. जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती घाटी में हुई नागरिकों की मौतों पर गहरा दुख व्यक्त किया है. महबूबा ने एक बयान में कहा, ‘मैं युवकों की दुखद मौत पर गहरा शोक प्रकट करती हूं और दुख की इस घड़ी में पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करती हूं.’ उन्होंने कहा कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बहुत अधिक बल प्रयोग से बेशकीमती जान जाती है और लोग घायल होते हैं. इससे बचा जाना चाहिए.

Advertisement

मुख्यमंत्री ने अर्धसैनिक बलों से कहा कि वे प्रदर्शनकारियों से निपटने के लिए मानक परिचालन प्रक्रिया का इस्तेमाल करें. शांति की अपील करते हुए महबूबा ने घाटी में सामान्य स्थिति बहाल करने में लोगों का सहयोग मांगा.

हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के अंतिम संस्कार में एक लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया था. गवाहों के अनुसार, कुछ हथियारबंद आतंकवादियों ने भी वानी के अंतिम संस्कार में भाग लिया.

गृह मंत्री ने की शांति बनाए रखने की अपील
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य के लोगों से शांति की अपील की. वह हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. उन्होंने एक बयान में कहा, ‘मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों से शांत रहने और शांति बरकरार रखने की अपील करता हूं.’ सिंह ने कहा कि कश्मीर घाटी में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए केंद्र जम्मू-कश्मीर सरकार के साथ मिलकर काम करेगा. उन्होंने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर में हिंसा की घटनाओं में मूल्यवान जीवन क्षति से बहुत आहत हूं. मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं.’

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement