जम्मू-कश्मीर में बीजेपी-पीडीपी गठबंधन सरकार गिरने के बाद अब दोनों दलों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने जम्मू और लद्दाख क्षेत्र की अनदेखी समेत बीजेपी के सभी आरोपों को गलत करार दिया है.
महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि उन्होंने कभी गठबंधन धर्म का उल्लंघन नहीं किया है और संयुक्त एजेंडे की प्रतिबद्धताओं को निभाया है. उन्होंने कहा कि राजनाथ सिंह जैसे नेताओं ने भी इसकी प्रशंसा की है. महबूबा ने बताया कि धारा 370, पाकिस्तान और हुर्रियत से बातचीत जैसे मुद्दे 'एजेंडा ऑफ अलायंस' का हिस्सा थे.
वहीं, पत्थरबाजों के खिलाफ लगे केस वापस लेने पर भी महबूबा मुफ्ती ने सफाई दी. उन्होंने कहा कि बातचीत को बढ़ावा देना और पत्थरबाजों के खिलाफ लगे केस वापस लेना शांति बहाली के लिए जरूरी कदम थे. महबूबा ने दावा किया कि इन कदमों का बीजेपी ने न सिर्फ समर्थन किया, बल्कि उसे सही भी ठहराया.
पूर्व मुख्यमंत्री ने जम्मू और लद्दाख क्षेत्र की अनदेखी वाले बीजेपी के आरोपों को भी सिरे से नकारा. उन्होंने कहा कि ये सभी आरोप बेबुनियाद हैं. हालांकि, उन्होंने ये माना कि घाटी में अशांति और 2014 की आपदा के चलते यहां ज्यादा ध्यान दिया गया, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि बाकी इलाकों में कम विकास हुआ. महबूबा ने कहा कि जब तक सरकार रही, किसी मंत्री या नेता ने विकास में अनदेखी वाले सवाल नहीं उठाए.
बता दें कि जम्मू कश्मीर में बीजेपी ने पीडीपी पर गठबंधन का फर्ज न निभाने की दलील देते हुए समर्थन वापस ले लिया है. जिसके बाद वहां महबूबा मुफ्ती की सरकार गिर गई है. अब राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है.
महबूबा मुफ्ती सरकार से अपना समर्थन वापस लेने के बाद राज्य के दौरे पर पहली बार गए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को कहा कि सत्ता में बने रहना बीजेपी की प्राथमिकता नहीं है, बल्कि 'जम्मू एवं कश्मीर का कल्याण ही हमारा एक मात्र उद्देश्य है. उन्होंने चुनाव के संकेत देते हुए कहा कि सभी को एहसास है कि जल्द ही यहां चुनाव होंगे.
जावेद अख़्तर