दिल्ली में लाल किले के पास हुए घातक धमाके के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने कश्मीर में आतंकवाद के उस 'व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल' पर शिकंजा कसना तेज कर दिया है, जिसकी जड़ें बीते एक महीने में सामने आए कई मामलों से जुड़ी बताई जा रही हैं.
अनंतनाग, पुलवामा, कुलगाम से 10 संदिग्धों को उठाया
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, अनंतनाग, पुलवामा और कुलगाम जिलों में रातभर चले संयुक्त तलाशी अभियान के दौरान करीब 10 लोगों को पूछताछ के लिए उठाया गया है, जिनमें तीन सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक जिन लोगों को पूछताछ के लिए लाया गया है, उनमें कुछ ऐसे व्यक्ति भी हैं जिन्होंने पिछले एक साल में तुर्किये (Turkey) की यात्राएं की थीं. इन यात्राओं की टाइमलाइन, उद्देश्य और वहां उनकी गतिविधियों को लेकर सुरक्षा एजेंसियां जानकारी जुटा रही हैं. दिल्ली धमाके और कश्मीर के इस मॉड्यूल के बीच किसी तरह का लिंक है या नहीं, इसकी गहन जांच की जा रही है.
तुर्की जाने वालों पर खास नजर
इस मामले में पहले ही सात लोगों जिनमें डॉक्टर भी शामिल हैं को भारी मात्रा में विस्फोटक बरामदगी के सिलसिले में गिरफ्तार किया जा चुका है. शुरुआती जांच में सामने आया है कि यह समूह तकनीकी रूप से सक्षम, शिक्षित और 'व्हाइट कॉलर' प्रोफाइल वाले व्यक्तियों का नेटवर्क था, जो आतंकी गतिविधियों को पर्दे के पीछे रहकर सहायता प्रदान करता था.
अब तक 200 लोगों से पूछताछ
अब तक 200 से अधिक लोगों से पूछताछ की जा चुकी है. यह मॉड्यूल उस समय सामने आया जब पुलिस ने इसी महीने की शुरुआत में दो ओवरग्राउंड वर्कर्स को गिरफ्तार किया था. उनकी सूचना के आधार पर इस नेटवर्क के कई अन्य चेहरे उजागर होने शुरू हुए.
सूत्रों का कहना है कि यह मॉड्यूल खास तौर पर वित्तीय सहायता, तकनीकी सपोर्ट, सुरक्षित आश्रय और विदेशों में मौजूद आतंकी हैंडलरों से संपर्क बनाए रखने का काम करता था. कश्मीर पुलिस, SIA और केंद्रीय एजेंसियों ने संयुक्त रूप से इस नेटवर्क की डिजिटल और फाइनेंशियल ट्रेल की जांच शुरू कर दी है. दिल्ली धमाके के बाद घाटी में सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता और बढ़ गई है, और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस मॉड्यूल से जुड़े और भी नाम सामने आ सकते हैं.
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