J-K: ‘गुपकार’ समझौते पर बोले रविंदर रैना- दिन में सपने देख रहे अब्दुल्ला और मुफ्ती

आज भाजपा ने जम्मू में बैठक की, जिसमें कई तबके के लोग शामिल हुए. बैठक के बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना ने महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला पर निशाना साधा. 

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बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में रविदंर रैना (पीटीआई) बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में रविदंर रैना (पीटीआई)

सुनील जी भट्ट

  • जम्मू,
  • 16 अक्टूबर 2020,
  • अपडेटेड 2:58 PM IST
  • गुपकार पर हुए मंथन के बाद बीजेपी ने की बैठक
  • अनुच्छेद 370 अब इतिहास हो गया: रविंदर रैना

जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक हलचल एक बार फिर बढ़ने लगी है. गुरुवार को नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी समेत अन्य पार्टियों के नेताओं ने गुपकार समझौते पर मंथन किया. इसके बाद आज भाजपा ने जम्मू में बैठक की, जिसमें कई तबके के लोग शामिल हुए. बैठक के बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना ने महबूबा मुफ्ती और फारूक अब्दुल्ला पर निशाना साधा. 

बीजेपी नेता रविंदर रैना ने कहा कि महबूबा मुफ्ती और फारूक-उमर अब्दुल्ला दिन में सपने देख रहे हैं. अगर घाटी की शांति को खराब करने की कोशिश की गई, तो उन्हें उसका अंजाम भी झेलना होगा. बीजेपी नेता बोले कि अनुच्छेद 370 अब इतिहास हो गया है, ऐसे में राज्य में उसकी कभी वापसी नहीं हो सकती है. 

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बैठक में कौन-कौन शामिल हुआ?
आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर भाजपा की ओर से बुलाई गई इस बैठक में करीब 13 सामाजिक और धार्मिक संगठनों के सदस्यों ने हिस्सा लिया. सभी ने इस बैठक में फारूक अब्दुल्ला की अगुवाई में बने पीपुल्स एलायंस के गुपकार समझौते का विरोध किया. 

बैठक में कहा गया कि गुपकार समझौते को जम्मू-कश्मरी में लागू नहीं होने दिया जाएगा. इस बैठक में वाल्मीकि समाज, गोरखा समाज, गुर्जर समाज, जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के सदस्य भी शामिल रहे. 

आपको बता दें कि गुरुवार को फारुक अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला, सज्जाद लोन समेत कई नेताओं ने सामूहिक बैठक की थी. जिसमें अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाने के खिलाफ प्रस्ताव पास किया. 

हाल ही में फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला के बाद महबूबा मुफ्ती को भी रिहा कर दिया गया. 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया था, उसी वक्त कश्मीर की पार्टियों ने एक साझा बयान जारी किया था जिसे गुपकार समझौता कहा गया. इसमें राज्य में अनुच्छेद 370 को वापस लगाने की मांग की गई थी. 

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