जम्मू-कश्मीर की मस्जिदों को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे मैसेज पर सरकार की ओर से सफाई आई है. राज्य के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के सलाहकार विजय कुमार ने कहा कि यह अफवाह है. इस अफवाह का सोर्स क्या है? अगर कोई भी मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है तो इसका जवाब देना जरूरी नहीं है. मैं हर चीज का जवाब नहीं दूंगा.
विजय कुमार ने इन बातों को अफवाह बताया. सैन्य बलों को लेकर घाटी में प्रसारित अलग अलग वीडियो को उन्होंने अफवाह बताते हुए इस पर न ध्यान देने की अपील की. कुमार ने कहा कि कश्मीर घाटी में सैन्य बलों की ज्यादा तैनाती रूटीन प्रक्रिया है. विजय कुमार ने कहा कि अमरनाथ यात्रा और आतंकरोधी कार्रवाई को देखते हुए सैनिकों की संख्या बढ़ाई गई है.
गौरतलब है कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) को ले जाने वाले विशेष विमान पिछले कुछ दिनों के दौरान श्रीनगर हवाईअड्डे पर उतरे हैं, जबकि इन बलों की अतिरिक्त कंपनियों को ले जाने वाले काफिले जम्मू और श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के माध्यम से घाटी में पहुंच रहे हैं. वर्तमान में घाटी में चल रही अमरनाथ यात्रा और अन्य सुरक्षा कारणों से सीएपीएफ की 450 कंपनियों में शामिल 40 हजार सैनिक पहले से ही तैनात हैं. इस संख्या में काउंटर इंसर्जेंसी (विद्रोह) राष्ट्रीय राइफल्स की ताकत शामिल नहीं है, जो आतंकवाद-रोधी अभियानों को अंजाम देती है और कठिन परिस्थितियों में राज्य पुलिस और सीएपीएफ को सहायता प्रदान करती है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हालांकि एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि सेना 'काउंटर इंसर्जेंट ग्रिड' को मजबूत करने और घाटी में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात होगी. वहीं जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कहा कि जवानों को उत्तरी कश्मीर में तैनात किया जाएगा जहां सुरक्षा की स्थिति अभी भी है एक चुनौती बनी हुई है.
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