J-K: पैलेट गन के पीड़ितों के लिए नौकरियां ढूंढ रही है मुफ्ती सरकार

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार छर्रों के द्वारा अंधे या आंशिक रूप से अंधे हुए लोगों की सहायता करने के लिए सरकारी नौकरियों सहित एक व्यापक नीति तैयार कर रही है.

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जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (फाइल) जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (फाइल)

केशवानंद धर दुबे

  • श्रीनगर,
  • 20 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 2:41 PM IST

जम्मू और कश्मीर की महबूबा सरकार ने 59 महिलाओं सहित 1,725 ​​पीड़ितों की मानवाधिकार आयोग को एक सूची सौंपी है, जिनकी पहचान जिला प्रशासन द्वारा की गई है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार अंधे या आंशिक रूप से अंधे हुए लोगों की सहायता करने के लिए सरकारी नौकरियों सहित एक व्यापक नीति तैयार कर रही है.

बता दें कि राज्य मानव अधिकार आयोग (एसएचआरसी) के लिए जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा आधिकारिक रिकॉर्डों से प्राप्त किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पिछले साल 8 जुलाई को आतंकवादी बुरहान वानी की हत्या के बाद विरोध प्रदर्शनों के दौरान कश्मीर घाटी के आठ जिलों में पैलेट गन से कम से कम 2,524 लोग घायल हुए थे.

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द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, एसएचआरसी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बिलाल नाजकी ने कहा कि आयोग ने पिछले साल दिसम्बर में घाटी के सभी 10 जिलों में पैलेट गन के कारण आंखों की चोटों का सामना करने वाले लोगों के रिकॉर्ड की मांग की थी.

उन्होंने कहा कि एसएचआरसी को अभी तक बांदीपुर और बडगाम से डेटा प्राप्त नहीं हुआ है. साथ ही बारामूला, शोपियां और कुलगाम के डिप्टी कमिश्नर द्वारा प्रस्तुत विवरण में सभी पीडितों के नाम शामिल हैं. उन्होंने कहा, 'हम उन पीड़ितों की पहचान कर रहे हैं जो पूरी तरह या आंशिक रूप से विकलांग हैं या जिन्हें विस्तृत चिकित्सा उपचार की आवश्यकता है'.

पैलेट गन का नहीं करते उपयोग

जम्मू एवं कश्मीर डीजीपी एस पी वैद ने कहा कि पुलिस पैलेट गन पर बैन के खिलाफ नहीं हैं. 'हम पैलेट गन के इस्तेमाल को रेकने के लिए प्रयास करते हैं, लेकिन ऐसी परिस्थितियां हैं कि हम विवश हैं. हम चाहते हैं कि वे पूरी तरह से इसी हटाया जाए. हम पैलेट गन का उपयोग नहीं करते हैं.'

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पीड़ितों को दी गई आर्थिक सहायता

जम्मू-कश्मीर सरकार ने मुख्यमंत्री राहत सहायता से जो पैलेट गन से पूरी तरह अंधे हो चुके हैं उन्हें 2 लाख रूपये आर्थिक सहायता के रूप में दिए हैं. वहीं 1 लाख रुपये आंशिक रूप से अंधे हो चुके पीड़ितों को दिए हैं.

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