जम्मू-कश्मीर के राजौरी में आतंकवादियों की धरपकड़ के लिए चलाए सर्च ऑपरेशन के दौरान सैनिकों द्वारा नागरिकों के साथ कथित रूप से मारपीट का मामला सामने आया था. अब सेना ने इस मामले की जांच का आदेश दे दिए हैं.
ये घटना कथित तौर पर उस वक्त हुई जब सेना की एक टीम संवेदनशील इलाके में एक वाहन में आतंकवादियों की संभावित एक्टिविटी की सूचना मिलने के बाद सर्च ऑपरेशन चला रही थी.
सेना ने एक आधिकारिक ने बयान में कहा कि शुरुआती जानकारी के अनुसार रोके जाने पर व्यक्तियों ने सैनिकों के हथियार छीनने की कोशिश की, जिसके कारण उनके साथ हाथापाई हुई.
'दोषी पाए जाने पर होगी सख्त कार्रवाई'
सेना ने कहा कि इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है और यदि कोई भी कदाचार का दोषी पाया गया तो कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी.
बयान में कहा गया, 'भारतीय सेना आतंकवाद विरोधी अभियानों के संचालन में व्यावसायिकता और अनुशासन के उच्चतम मानकों को कायम रखने में दृढ़ है.'
इसमें कहा गया है, 'समाज के सभी वर्गों से अनुरोध है कि वे इस संवेदनशील क्षेत्र में सामूहिक और व्यापक सुरक्षा के लिए भारतीय सेना के साथ सहयोग और सहभागिता जारी रखें.'
महबूबा मुफ्ती ने दी प्रतिक्रिया
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को दावा किया कि सेना के जवानों ने एक प्रोफेसर पर उस वक्त बेरहमी से हमला किया, जब वह नौशेरा में अपनी बहन की शादी में शामिल होने जा रहे थे.
उन्होंने एक्स पर पोस्ट में लिखा, 'नौशेरा के लाम से बेहद परेशान करने वाले दृश्य सामने आए हैं, जहां सेना के जवान प्रोफेसर लियाकत चौधरी पर बेरहमी से हमला करते नजर आए. घटना के वक्त प्रोफेसर अपने भाइयों के साथ अपनी बहन की शादी में शामिल होने जा रहे थे.'
उन्होंने कहा कि इस तरह के चौंकाने वाले कृत्य ने आम आदमी का भरोसा तोड़ दिया है, खासकर इसलिए क्योंकि प्रोफेसर का परिवार भारतीय सेना में सेवा कर चुका है.
अधिकारियों से तत्काल कार्रवाई का आग्रह करते हुए मुफ्ती ने कहा, 'मैं वरिष्ठ सैन्यकर्मियों से आग्रह करती हूं कि वे जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तत्काल और सख्त कार्रवाई करें. ऐसे व्यक्ति अपने अस्वीकार्य और अत्याचारी व्यवहार से एक प्रतिष्ठित संस्थान की प्रतिष्ठा को धूमिल करते हैं.'
सुनील जी भट्ट