जम्मू में म्यांमार और बांग्लादेश से आए गैरकानूनी रूप से रह रहे शरणार्थियों को लेकर महबूबा मुफ़्ती सरकार परेशानी में पड़ गयी है. केंद्र ने जम्मू कश्मीर सरकार से कहा है कि इन शरणार्थियों को वापस म्यांमार और बांग्लादेश भेजा जाए. जम्मू में बीजेपी इन मुस्लिम शरणार्थियों से राज्य और देश को होने वाले खतरे के बारे में अवगत करा रही है. बीजेपी का कहना है कि यह विस्थापित देश के लिए खतरा हैं.
गौरतलब है कि जम्मू में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेश और रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों का नरवाल में एक मोहल्ला है, जहां पिछले 10-15 साल से यह लोग रह रहे हैं. बांग्लादेश और रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों का कहना है की वह वापस जाने को तैयार हैं, मगर म्यांमार में हालात ख़राब हैं और वह अपनी जान बचने के लिए यहां आए हैं.
बीजेपी के प्रदेश महासचिव, विक्रम रंधावा का कहना है की इन शरणार्थियों को राज्य और देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए उन्हें टाइम बम तक कह डाला. उनके मुताबिक जिन देशों से यह अवैध शरणार्थी जम्मू आए हैं, उन देशों ने भी इन लोगों को अपने देश की सुरक्षा के लिए खतरा माना है.
उन्होंने कहा कि बीजेपी राष्ट्रीय सुरक्षा पर कभी समझौता नहीं करेगी और इस मामले को अंत तक जाएगी. उनका कहना है कि इन शरणार्थियों की वजह से जम्मू की डेमोग्राफी बदली जा रही है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उनका आरोप है की दस हज़ार से भी ज्यादा शरणार्थी जम्मू में रह रहे हैं.
इस बीच पैंथर्स पार्टी ने भी इन शरणार्थियों के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया है और राज्य सरकार ने इन शरणार्थियों को जम्मू में ठहराने के लिए मदद कर रही एनजीओ की जांच के आदेश दिए हैं.
अश्विनी कुमार