हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से मची तबाही में 4 की मौत, जिंदा बचे लोगों ने बताई खौफनाक आपबीती

अब तक जिन चार मृतकों की पहचान हुई है, उनमें चैन सिंह (जम्मू-कश्मीर), आदित्य ठाकुर (चंबा), प्रदीप वर्मा और चंदन (उत्तर प्रदेश) शामिल हैं. बचाव कार्य के दौरान एक व्यक्ति को जंगल से जीवित रेस्क्यू किया गया.

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धर्मशाला में बादल फटने के बाद आई बाढ़ की तस्वीर धर्मशाला में बादल फटने के बाद आई बाढ़ की तस्वीर

अमन भारद्वाज

  • नई दिल्ली,
  • 26 जून 2025,
  • अपडेटेड 6:42 PM IST

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा और कुल्लू जिलों में बुधवार को बादल फटने से आई अचानक बाढ़ (फ्लैश फ्लड) में अब तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है. प्रशासन ने गुरुवार को दो और शव बरामद किए हैं. फिलहाल 3 लोग अभी भी लापता हैं, जिनकी तलाश के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और पुलिस की संयुक्त टीमें जुटी हुई हैं.

अतिरिक्त डिप्टी मजिस्ट्रेट कांगड़ा शिल्पा बेक्टा ने बताया कि बुधवार को दो शव बरामद किए गए, जबकि गुरुवार को दो और शवों का पता लगाया गया. कांगड़ा जिले में इंदिरा प्रियदर्शिनी हाइड्रो प्रोजेक्ट साइट के पास एक अस्थायी श्रमिक कॉलोनी में लगभग 250 से 275 मजदूर ठहरे हुए थे. भारी बारिश के कारण मनुनी खड्ड और आस-पास की छोटी नदियों का पानी अचानक श्रमिक कॉलोनी की तरफ मुड़ गया और कई लोगों को अपने साथ बहा ले गया.

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चार मृतकों की हुई पहचान

अब तक जिन चार मृतकों की पहचान हुई है, उनमें चैन सिंह (जम्मू-कश्मीर), आदित्य ठाकुर (चंबा), प्रदीप वर्मा और चंदन (उत्तर प्रदेश) शामिल हैं. बचाव कार्य के दौरान एक व्यक्ति को जंगल से रेस्क्यू किया गया.

बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने घटना पर शोक जताया और कहा, "इस आपदा की घड़ी में हर बीजेपी कार्यकर्ता देवभूमि के नागरिकों की सेवा में समर्पित है."

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जिंदा बचाए लोगों ने बताई आपबीती

 घटना में बची एक महिला, लवली ने बताया कि "कैम्प में 13 लोग थे. जैसे ही बाढ़ आती दिखी, पांच लोग पहाड़ियों की ओर भागे जबकि बाकी बह गए." धर्मशाला की एसपी शालिनी अग्निहोत्री ने कहा, “मौसम और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद हमारी टीम लापता लोगों की तलाश में लगातार जुटी हुई है.”

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मजदूर दया किशन ने बताया, "हमने बाढ़ को आते देखा और सुरक्षित स्थान पर भागने से पहले नीचे के लोगों को सचेत करने के लिए चिल्लाए." राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) के कमांडेंट बलजिंदर सिंह ने बताया कि वे उन लोगों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं, जिनके बाढ़ के दौरान परियोजना स्थल से बह जाने की आशंका है.

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धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा ने घटनास्थल का दौरा किया और कहा कि श्रमिकों को असुरक्षित स्थान पर रखा गया था और मौसम की चेतावनी के बावजूद उन्हें शिफ्ट नहीं किया गया. उन्होंने प्रोजेक्ट अधिकारियों और ठेकेदार पर लापरवाही के आरोप लगाए और पूरे मामले की जांच की मांग की.

(PTI इनपुट्स के साथ)

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